बिहार:सतकोदरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर प्रसव सेवा की हुई शुरुआत

सतकोदरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर प्रसव सेवा की हुई शुरुआत

  • विभिन्न अस्पतालों में संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के लिए
    पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध: सिविल सर्जन
  • स्वास्थ कर्मियों द्वारा क्षेत्र की महिलाओं को संस्थागत प्रसव को लेकर किया जाता है जागरूक: एमओआईसी
  • अस्पताल में पहला प्रसव होने से स्वास्थ्य कर्मियों सहित क्षेत्र में ख़ुशी का माहौल

पूर्णिया, 20 अक्टूबर।

गर्भावस्था के दौरान हर महिला के मन में सामान्य और सुरक्षित प्रसव को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते हैं। क्योंकि सभी महिलाएं या उनके परिजन यही चाहते हैं कि सामान्य रूप से संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव आसानी से हो। प्रसव के दौरान एक छोटी सी लापरवाही और नजर अंदाज करना बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। इसलिए सुरक्षित और सामान्य तरीक़े से प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देना जरूरी है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के लिए विभिन्न अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी हर तरह के मानकों का भी ख्याल रखा जाता है। इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलता हैं। बल्कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती हैं।

महिलाओं को संस्थागत प्रसव को लेकर किया जाता है जागरूक: एमओआईसी
के नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार ने बताया कि ज़िला मुख्यालय से दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। ताकि क्षेत्र में बेहतर तरीके से चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए विभाग की ओर से आशा कार्यकर्ताओं एवं एएनएम के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं को परामर्श भी लगातार दिया जाता है। प्रसव पूर्व जांच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्राव प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है। जिसमें प्रसव पूर्व जांच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

अस्पताल में पहला प्रसव होने से स्वास्थ्य कर्मियों सहित क्षेत्र में ख़ुशी का माहौल
प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक विभव कुमार ने बताया की स्थानीय पीएचसी के अलावा सतकोदरिया स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर प्रसव सेवा की शुरुआत की गई हैं। उद्घाटन के बाद पहला प्रसव चरकठिया गांव निवासी राजकुमार मरांडी की 22 वर्षीय पत्नी रीता सोरेन ने एक नवजात बच्ची को जन्म दी है। जो पूरी तरह स्वास्थ्य एवं सुरक्षित हैं। प्रसव के लिए आई पीड़ित महिला को सुरक्षित प्रसव के लिए हर तरह की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई गई थी। ताकि प्रसव के बाद माता एवं नवजात शिशु को किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा नहीं हो। अगर किसी कारणवश कोई परेशानी हो भी जाती हैं तो उसका उपचार कराया जा सकें।

दर्जनों गांव के लगभग 15 से 20 हज़ार की आबादी होगी लाभांवित: सीएचओ
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) जीतू कुमार ने बताया कि सतकोदरिया स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्लूसी के अंतर्गत आने वाले चरकठिया, गंगेली, कामख्या स्थान, रहुआ, कल्याणपुर, गोआसी, हरदा, चपेरल, बक़रीकोल सहित कई गांवों के लगभग 15 हजार की आबादी को पीएचसी या सदर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी। प्रसव के अलावा हर तरह की सुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई हैं। ग्राम स्वास्थ्यए स्वच्छता एवं पोषण दिवस सहित कई अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से एनेमिक गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है। गर्भवती महिलाओं की चारों प्रसव पूर्व जांच माता एवं उसके गर्भस्थ शिशु की स्थिति स्पष्ट करती है और संभावित जटिलताओं का पता चलता है। लक्षणों के मुताबिक जरूरी चिकित्सीय प्रबंधन किया जाता है ताकि माता और उसके शिशु दोनों स्वस्थ रहें।

पहले प्रसव की ख़बर सुन दूसरे लोग भी आए प्रसव कराने: एएनएम
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत अनुभवी एएनएम जुलेखा कुमारी ने बताया कि बुधवार की रात में प्रसव पीड़ित महिला आई जिसका पहला प्रसव था। सभी तरह की जांच करने के बाद ही सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराया गया। स्थानीय गांव में प्रसव की शुरुआत होने की खबर जैसे ही दूसरे को मिली तो गुरुवार की सुबह में रहुआ गांव निवासी हीरालाल पासवान की 24 वर्षीय पत्नी झालों देवी को उसके परिजनों द्वारा प्रसव कराने के लिए लाया गया। जहां सुरक्षित प्रसव होने के बाद सभी लोग ख़ुशी से झूम उठे। इसके साथ ही अस्पताल में मिलने वाली हर तरह की सुख सुविधाओं के अलावा प्रसव कराने वाली कर्मियों के व्यवहार से काफ़ी ख़ुश नजर आए।

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