दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा चतुर्थ दिवस का विधिवत पूजन से हुआ आरंभ
फिरोजपुर 17 फरवरी [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा गौशाला श्री संत महेश मुनी, सिखावाला रोड, कोटकपूरा में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा आयोजित की गई ।जिसके चतुर्थ दिवस का आरंभ विधिवत पूजन से किया गया। जिसमें हरि कृष्ण गोयल एवं नरेश गोयल जी ने भाग लिया। उपस्थित भगवत प्रेमियों को कथा व्यास साध्वी भाग्य श्री भारती जी ने गजेन्द्र प्रसंग सुनाते हुए बताया कि गजेन्द्र की कहानी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का प्रतीक है। आज का इंसान भी तो इस संसार में आकर संसार के भोग-विलासो में, रिश्तों-नातों में ही मस्त रहता है। किन्तु जब काल आक्रमण करता है तो कोई भी साथ नहीं देता। क्योंकि संसार के जो रिश्ते हैं, वह स्वार्थ की नींव पर टिके होते हैं। जो सम्बन्ध स्वार्थ की नींव पर टिके होते हैं वह सदा साथ नहीं निभाते। इसलिए क्यों न एक ऐसे शाश्वत रिश्ते की तलाश की जाए, जो ज़िन्दगी को एक मजबूत आधार दे, सुरक्षा दे। जिसके टूट जाने का भय न हो। जो निर्भयता प्रदान कर सके और निर्भयता वही प्रदान कर सकता है, जो स्वयं निर्भय हो। इस संसार में यदि कोई पूर्ण रूपेण निर्भय है तो वह केवल ईश्वर है। इसलिए आवश्यकता है उस ईश्वर को जानने की।
आगे प्रसंग के अंतर्गत साध्वी जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण निराकार ब्रह्म है, जो अधर्म ,पाप , अत्याचार के बोझ तले दबी वसुंधरा पर त्रस्त जनमानस की करुण पुकार सुनकर धर्मस्थापना हेतु धरा पर अवतरित होते हैं। अवतार शब्द का अर्थ बताते हुए उन्होंने बताया कि अवतार का अर्थ है नीचे उतरना। अपनी परम अवस्था से जन कल्याण के लिए धरा पर उतरा परम तत्व ही ईश्वर अर्थात् अवतार कहलाता है। जहां एक मानव अपने कर्म बंधनों में जकड़ा हुआ, अपने कर्मों के फल को भोगने के भोगने के लिए इस धरती पर आता है, वहीं पर वह ईश्वर अपनी योग माया के द्वारा प्रकृति को अधीन कर, मानव को सही राह दिखाने के लिए इस धरती पर आते हैं। उन्हें पहचान वही पाता है जिनकी बुद्धि श्रद्धा से पूरित होती है, जो उन्हें तत्त्व से जान लेते हैं। तत्त्व भाव दिव्य दृष्टि के माध्यम से अपने अन्त: करन में परमात्मा का दर्शन करना। श्री कृष्ण जन्म उत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। भजनों पर सारी संगत झूम रही थी। कथा में उपस्थित मुख्य मेहमान सरदार गुरदीप सिंह सेखों (विधायक फरीदकोट),महंत गरीब दास (वृद्ध आश्रम बाबा गरीब दास), देवा कृष्णानंद जी महाराज, पार्षद पूजा ग्रोवर, प्रेम पासी, सूरज प्रकाश, तरसेम चोपड़ा, सोनू जी (प्रधान प्राचीन हनुमान मंदिर फरीदकोट), ओमप्रकाश (प्रधान न्यू श्री महाशक्ति भजन मंडली लंगर सेवा) आदि के द्वारा ज्योति प्रज्वलित की रस्म को अदा किया गया। विधायक फरीदकोट ने संस्थान के कार्यक्रम की उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की।कथा का समापन प्रभु की पावन पुनीत आरती से किया गया जिसके अंदर उपेंद्र शर्मा (पूर्व मंत्री पंजाब), डॉ प्रवीण, ओम प्रकाश गर्ग, डॉ विकास गर्ग, डॉ रविंदर,अशोक गोयल एवं निर्मल कुमार बंसल ने भाग लिया। कथा के अंत में सभी को माखन मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया एवं लंगर का प्रबंध भी किया गया। कथा में प्रतिदिन शहर के सभी गणमान्य जन पहुंच रहें हैं।