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दिव्या ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में देशभक्ति एवं आध्यात्मिक प्रवचनों के कार्यक्रम का किया गया आयोजन

(पंजाब)फिरोजपुर 26 जनवरी {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=

दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के स्थानीय फिरोजपुर आश्रम में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में देशभक्ति एवं आध्यात्मिक प्रवचनों के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या साध्वी सुश्री हेमवती भारती जी ने संगत को संबोधित करते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस इस देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है । यह दिन भारत के सर्वोच्च विधान संविधान से जुड़ा हुआ है। हमारे राष्ट्रीय दिवस देश के लोगों के हृदय में देशभक्ति की भावना को सुदृढ़ करते हैं । महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा मातृभूमि के लिए दिए बलिदानों को तरोताजा कर आज के दिवस में सभी ने राष्ट्र निर्माण के हेतु प्रतिबद्ध किया। साध्वी जी ने कहा हमारे देश का संविधान देश की अखंडता, एकता और समृद्धि की प्रतिबद्धता अपने में समाए हुए है, देश के लोगों में कैसा अनुशासन व देश के प्रति जिम्मेवारी की भावना को संविधान में स्पष्ट किया गया है ।
वैसे ही शिष्यों को आध्यात्मिक पथ पर दृढ़ता से बढ़ने के लिए अध्यात्म के नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने अध्यात्म मार्ग पर अग्रसर होने के लिए संगत को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि अध्यात्म भारत की आत्मा है , संतों की इस पुण्य भूमि पर विश्व भर से लोग जीवन की सत्यता शांति ,सुख प्राप्ति अथवा अवसाद से मुक्ति प्राप्त करने के लिए आते हैं । परंतु अफसोस इस पावन भूमि पर जन्म में सौभाग्यशाली संताने आदर्श जीवन जीने के महत्वपूर्ण तथ्य आध्यात्मिकता से अछूती रह जाती है । अधिकतर लोगों का मानना है कि अध्यात्म वृद्ध व व्यर्थ लोगों का कार्य है , परंतु सत्य तो यह है कि अध्यात्म ही एक सम्पूर्ण समृद्धि सुखी व शांतिपूर्ण जीवन जीने का आधार है साथ ही यह एक व्यक्ति को जीवन के वास्तविक लक्ष्य की और अग्रसर करता है।
साध्वी करमाली भारती जी ने कहा कि अध्यात्म की सनातन विधि व्यक्ति को अपने सांसारिक कर्तव्य को और बेहतर ढंग से पूर्ण करने में भी सहायता करती है । जीवन जीने की असली कला सिखाती है । जितनी जल्दी हम इस तथ्य को समझ लेंगे उतनी ही जल्दी शाश्वत सुख की ओर अग्रसर हो पाएंगे। अध्यात्म का सार है ब्रह्म ज्ञान की शाश्वत विधि । जिस समय एक पूर्ण गुरु शिष्य के जीवन में आते हैं तो इस विधि से शाश्वत सत्य से सरोकार करवा देते हैं। जैसे-जैसे इस विधि से साधक नियमित अभ्यास करता है वह आंतरिक शांति प्राप्त कर पाता है। कार्यक्रम के दौरान साध्वी रमन भारती जी ने देशभक्ति एवं आध्यात्मिक भजन व कीर्तन का गायन किया।

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