बदलते मौसम में सेहत के प्रति रहे सचेत : डॉ आशीष अनेजा
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बच्चो का फास्टफूड के प्रति रुझान दे रहा अनेक रोगों को जन्म, माता -पिता को सचेत रहने की आवश्यकता : डा. आशीष अनेजा।
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के मेडिकल ऑफिसर, एडमिनिस्ट्रेटर गैपियो सदस्य, आर एस एस डी आई मेंबर डा. आशीष अनेजा ने बदलते हुए मौसम को लेकर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए मरीजों को बताया कि आजकल मौसम परिवर्तन हो रहा है जिसमें ना तो बहुत अधिक गर्मी का अनुभव किया जा सकता है ना ही सर्दी का ऐसे मौसम में लोगों में बुखार, सरदर्द, डायरिया, उल्टियां, खांसी व जुकाम जैसी बीमारियां देखने को मिल रही है। गले में खराश व दुखन आज के समय में आम बात हो गई है, अगर कुछ व्यक्तिगत तौर पर सावधानियां बरती जाए तो इन सभी समस्याओं से छुटकारा भी पाया जा सकता है, जैसे बाहरी वस्तुओं के खानपान पर प्रतिबंध एवं ठंडे पेय पदार्थों का सेवन ना किया जाए तो इन समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है प्रायः देखने को मिलता है कि हमारा युवा वर्ग कोल्ड ड्रिंक की व फास्ट फूडकी ओर पूरी तरह से आकर्षित है लेकिन आजकल की युवा पीढ़ी इस बात को समझने में असमर्थ है है कि मनुष्य का स्वस्थ शरीर ही उसकी सबसे उत्तम पूंजी होती है और उनका ध्यान बाहरी खानपान पर ज्यादा रहता है यही कारण है कि आजकल सबसे ज्यादा बीमारियां युवा पीढ़ी में देखने को मिल रही है। आगे डॉ. अनेजा ने कहा कि इस समय अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बीमारियों से बचा जा सकता है, जैसे कि ए सी, कूलर व पंखे का कम से कम प्रयोग, ठंडी वस्तुओं पर प्रतिबंध, प्रतिदिन गर्म पानी से गॉगल्स करना, तला व भुने हुए भोजन का प्रयोग न करना इत्यादि। आगे डॉ. अनेजा ने बताया कि आजकल त्योहारों का सीजन चल रहा है और बाजार में अनेक प्रकार की मिठाइयां हमें अपनी और आकर्षित कर रही है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी प्रकार भी लाभदायक नहीं है कई बार देखा गया है कि अनेक मिठाइयों में मिलावट भी मिलती है जो शरीर को भारी नुकसान पहुंचाती है इसीलिए हमें किसी भी बाहरी वस्तु का सोच समझकर प्रयोग करना चाहिए। डॉ. आशीष अनेजा के अनुसार दीपावली भारत में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है। यह हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया। दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानि पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महापर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौशनी से प्रकाशमय कर देता है। दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियां हैं,और सभी को इस पवित्र त्योहार की उनके द्वारा शुभकामनाएं दी गई।