आयुर्वेदिक संहिताओं में असाध्य बीमारियों के इलाज का है वर्णन- डॉ. खुराना
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के स्नातकोत्तर क्रिया शरीर विभाग में बुधवार को दिल्ली के चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक महाविद्यालय के सहायक प्रो. डॉ. राकेश रोशन का व्याख्यान रहा। जिसमें उनके द्वारा पीएचडी व एमडी के विद्यार्थियों को सीनोपसिस बनाने की बारीकियां सिखाई। प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने व्याख्यान को अनुसंधान कार्यों के लिए बहुउपयोगी बताया और कहा कि इस तरह के गेस्ट लेक्चर समय-समय पर आयोजित होने बहुत जरूरी हैं। जिससे आयुर्वेद के विद्यार्थियों को नई ऊर्जा मिलती है। इसके साथ ही आयुर्वेद जगत में नए विकल्पों का भी विकास होता है। चिकित्सा क्षेत्र में रिसर्च का बहुत महत्व है। जिसके आधार पर आज असाध्य रोगों को भी इलाज संभव हो पाया है। आयुर्वेदिक संहिताओं में गंभीर से गंभीर रोगों की चिकित्सा पद्धति का वर्णन है। बस विद्यार्थियों को रूचि बनाकर उनका अध्ययन करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर क्रिया शरीर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीसी मंगल ने कहा कि निश्चित रूप से इस व्याख्यान का लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा। इस प्रकार के व्याख्यान विद्यार्थियों का मार्गदर्शन ही नहीं करते बल्कि अनुसंधान के अन्दर विद्यार्थियों की जिज्ञासा को भी बढ़ाते हैं। इस अवसर पर डॉ. मनीषा खत्री और डॉ. शुभा कौशल भी उपस्थित रही।