भारतवर्ष पुन विश्व-गुरु के रूप में प्रतिष्ठापित होने के मार्ग पर अग्रसर हो चला है : डाॅ. शमशेर जमदग्नि

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक दूरभाष – 9416191877
हैदराबाद : ‘भारतवर्ष के सन्त-शिरोमणि स्वामी विवेकानन्द ने सन 1900 में 3 महत्वपूर्ण भविष्यवाणियां की थीं कि – प्रथम, सर्वहारा क्रान्ति सर्वप्रथम रूस में होगी। द्वितीय, भारतवर्ष आगामी 50 वर्षों में स्वतन्त्र हो जाएगा। तृतीय, 21 वीं शताब्दी में भारतवर्ष पुनः विश्व-गुरू के रूप में प्रतिष्ठापित होगा। विश्व साक्षी है कि स्वामी जी की पहली 2 भविष्यवाणियां सत्य-सिद्ध हो चुकी हैं एवं तृतीय भविष्यवाणी के सत्य-सिद्ध होने का श्रीगणेश हो चुका है, क्योंकि भारतवर्ष अब पुनः विश्व-गुरू के रूप में प्रतिष्ठापित होने के मार्ग पर अग्रसर हो चला है।’
भारतमातरम राष्ट्रपीठ, नई दिल्ली के सूत्रधार – डाॅ. शमशेर जमदग्नि (अपर आयुक्त) – भारतवादी साहित्यकार, नई दिल्ली द्वारा भारतवर्ष की सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्था ‘राष्ट्रार्थ युवा’ (Youth4Nation) के हैदराबाद, तेलंगाना में आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के अन्तिम दिवस दिनांक 30 नवम्बर 2025 को सम्बोधित करते हुए उपरोक्त कथन व्यक्त किए गए, जिनकी सम्प्रति राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित एवं देश के विभिन्न राज्यों से आए सुप्रसिद्ध विद्वानों द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी।
उल्लेखनीय है कि ‘राष्ट्रार्थ युवा’ (Y4N) एक सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्था है, जो सम्पूर्ण देश के समस्त राज्यों में कुल 22 चैप्टरों में विस्तारित है। यह विशिष्ट संस्था भारतवर्ष के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्रीय चरित्र की सुदृढता हेतु कार्य करती है, जिससे थल सेना-वायु सेना-जल सेना आदि के सेवानिवृत्त उच्चाधिकारियों एवं आई.ए.एस.-आई.पी.एस.-आई.एफ.एस-आई.आर.एस.आदि के सेवानिवृत्त उच्चाधिकारियों सहित सेवानिवृत्त कुलपति, प्रोफेसर, डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, वैज्ञानिक, कलाकार, साहित्यकार एवं उद्योगपति आदि सम्बद्ध हैं।
महत्वपूर्ण है कि ‘राष्ट्रार्थ युवा’ (Y4N) द्वारा प्रतिवर्ष अपना त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाता है, जो इस वर्ष विगत दिनांक 28-29-30 नवम्बर 2025 को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भारतवर्ष के अमर सन्त स्वामी भागवद रामानुजाचार्य की ‘समानता की प्रतिमूर्ति’ (The Statue of Equality) के सान्निध्य में स्वामी श्रीमन्न नारायणा आश्रम में सम्पन्न हुआ। सम्प्रति राष्ट्रीय अधिवेशन का श्रीगणेश दिनांक 28 नवम्बर 2025 को श्री बंडारू दत्तात्रेय, भूतपूर्व माननीय राज्यपाल महोदय, हरियाणा के कर-कमलों से दीप-प्रज्ज्वलन के माध्यम से हुआ, जिसकी महत्ता पर माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा अत्यधिक प्रकाश डाला गया।
‘राष्ट्रार्थ युवा’ (Y4N) के सम्प्रति राष्ट्रीय अधिवेशन में परमश्रद्धेय पद्मभूषण स्वामी श्री चिन्ना जीवार जी महाराज, पीठाधीश्वर. स्वामी श्रीमन्न नारायणा आश्रम, हैदराबाद, श्री कोडे दुर्गा प्रसाद (आई.पी.एस.), भूतपूर्व निदेशक, एस.पी. जी., भारत सरकार, श्री वी. जी. खण्डारे (लेफ्टिनेंट जनरल), भूतपूर्व प्रधान सलाहकार, रक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार, प्रो. जी.एस. मूर्ति, संस्थापक, ‘राष्ट्रार्थ युवा’ (Y4N), भारत, श्री आर.एन. पाराशर (आई.ए.एस.), भूतपूर्व मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, श्री सर्वेश चन्द्रा (आई.पी.एस.), भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, पं. बंगाल, डाॅ. सुनील कुमार गुलाटी (आई.ए.एस.) भूतपूर्व विशेष सचिव, हरियाणा सरकार, श्री बी.एच.अनिल कुमार (आई.ए.एस.) भूतपूर्व अपर मुख्य सचिव, कर्नाटक सरकार तथा प्रो. डी.एस. चौहान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ‘राष्ट्रार्थ युवा’ (Y4N), भारत एवं भूतपूर्व अध्यक्ष, भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली सहित अनेक राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
उल्लेखनीय है कि ‘राष्ट्रार्थ युवा’ (Y4N) के सम्प्रति राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से जुटे सैंकडों प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा राष्ट्रीय चिन्तन-मनन एवं मन्थन किया गया तथा अपने-अपने सम्बोधन प्रस्तुत किए गए। इसी विशिष्ट प्रक्रिया में सुप्रसिद्ध भारतवादी साहित्यकार डाॅ. शमशेर जमदग्नि द्वारा भी अपना महत्वपूर्ण सम्बोधन प्रस्तुत करते हुए भारतवर्ष के अमर बलिदानी भगत सिंह की कालजयी प्रतिज्ञा कि – ‘दोस्तों – अगर मेरी शादी गुलाम भारत में हुई तो जानते हो मेरी बारात क्या होगी ? कौन होंगे – बाराती ? और कौन होगी – दुल्हन ? हां – मैं बताता हूं कि अगर मेरी शादी गुलाम भारत में हुई तो बारात होगी – मेरी शवयात्रा। बाराती होंगे – शहीद और दुल्हन होगी – मेरी मौत’, व्यक्त की गयी, जिसे सुनकर अधिवेशन में उपस्थित श्रोताओं में राष्ट्रीय भावना हिलोरे मारने लगी।
महत्वपूर्ण है कि भारतवादी साहित्यकार डाॅ. शमशेर जमदग्नि द्वारा जिस सत्र में अपना महत्वपूर्ण सम्बोधन प्रस्तुत किया गया, उसकी अध्यक्षता श्री आर. एन. पाराशर (आई.ए.एस.) भूतपूर्व मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार द्वारा की गयी, जिनके द्वारा भी डा. जमदग्नि के विशिष्ट सम्बोधन को राष्ट्रीय दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया गया। डाॅ. जमदग्नि के सम्प्रति सम्बोधन के उपरान्त श्री सर्वेश चन्द्रा (आई.पी.एस.) भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, पं. बंगाल का विशिष्ट सम्बोधन हुआ, जिनके द्वारा भारतवर्ष की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रकाश डाला गया। डाॅ. शमशेर जमदग्नि द्वारा अपना सम्बोधन अपनी महत्वपूर्ण काव्यांजलि कि ‘मैं भारतवर्ष लिखता हूं…..मैं आसमान में हिन्दुस्तान लिखता हूं’ के साथ सम्पन्न किया गया, जिससे राष्ट्रीय अधिवेशन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।




