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भाजपा देहरादून द्वारा आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर ‘हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र’ में ‘आपातकाल दिवस गोष्ठी का आयोजन किया गया

सागर मलिक

बतौर मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री मा. श्री Bhupender Yadav BJP जी, मुख्यअतिथि के रूप में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मा. श्री Pushkar Singh Dhami जी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता मा. प्रदेश अध्यक्ष BJP Uttarakhand एवं राज्यसभा सदस्य श्री Mahendra Bhatt जी ने की। माननीय कैबिनेट मंत्री श्री Ganesh Joshi जी, प्रदेश महामंत्री द्वय मा. श्री Aditya Kothari जी एवं मा. श्री Khilendra Chaudhary जी की मंच में गरिमामय उपस्थिति रही।

कार्यक्रम के दौरान आपातकाल के दौरान शहीद हुए ऐसे शहीदों को स्मरण कर मनोभाव से भावमीनी श्रद्धांजलि व्यक्त की गई। माननीय अतिथियों द्वारा कार्यक्रम् में उपस्थित ऐसे महानुभावों को कि जिन्होंने आपातकाल की भयावाह को अपनी आंखों से देखा उस दंश को सहा ऐसे श्रेष्ठ जनों को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ के साथ सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मा. विधायकगण, मा. दायित्वधारीगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मा. राष्ट्रीय, प्रदेश, महानगर, मंडल, प्रकोष्ठ, मोर्चे, से लेकर बूथ पर्यन्त पदाधिकारी कार्यकर्त्तागण, मोर्चा, प्रकोष्ठ पदाधिकारीगण, समाज के बुद्धीजीवी प्रबुद्धजन, सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक संगठनों के सम्मानित प्रतिनिधि गण आदि उपस्थिति रही।

निश्चित तौर पर आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायो में से एक है।

मा. प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi ने आपातकाल के विषय को लेकर कहा है कि यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं।

भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह हमारा कर्तव्य है।

यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसके चलते तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।

हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं।

मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “आज से 50 साल पहले कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी, जो कोई राजनीतिक घटना नहीं बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला था। पचास साल बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ जी रही है। उसके इरादे आज भी वही हैं जो 1975 में थे।

मेरा यह मानना है कि

भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे दुःखद और काले अध्याय 25 जून, 1975, आपातकाल 50वां वर्ष ना भूलें हैं, ना कभी भूलेंगे..

सर्वविदित है कि यह देश की आत्मा को कुचलने का सीधा प्रयास था। आपातकाल एक परिवार की तरफ से रचा गया षड्यंत्र था जो सत्ता के नशे में था और यह कांग्रेस की अत्याचारी और क्रूर मानसिकता का भी प्रमाण था।

देश में आपातकाल, कानूनों के हथियारीकरण, न्यायिक स्वतंत्रता के हनन और नियमों की अनदेखी करके लगाया गया था। कांग्रेस में जो लोग हाथ में संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि 50 साल भी भारत उस अत्याचार को याद करता है।

भारत का लोकतंत्र इसलिए बचा है क्योंकि लोगों ने उस वक्त आपातकाल का विरोध किया। संविधान, लोकतंत्र और कई संस्थाओं को रौंदने वाली घटना ऐसी है, जिसे कभी नहीं भूलना चाहिए।

आज के कार्यक्रम में व्यवस्था इत्यादि में अपना यथाशक्ति योगदान देने के लिए महानगर भाजपा परिवार का बहुत-बहुत धन्यवाद

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