किसान मार्च महीने में सब्जियों की खेती से ले सकते हैं लाभ

किसान मार्च महीने में सब्जियों की खेती से ले सकते हैं लाभ।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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परंपरागत फसलों के साथ सब्जियों और फलों की खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता : डा. सी. बी. सिंह।

कुरुक्षेत्र, 24 फरवरी : मौसम की स्थिति के अनुसार किसानों को अपनी आय में वृद्धि करने के लिए गेहूं, धान, मक्का आदि परंपरागत फसलों के साथ ही सब्जियों और फलों की खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सब्जियों और फलों की खेती से किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एवं सब्जी विशेषज्ञ डा. सी. बी. सिंह के अनुसार किसानों को चाहिए कि बाजार की मांग और महीने के मौसम के अनुसार सब्जियों की खेती करनी चाहिए। इससे उन्हें बेहतर लाभ मिल सकता है। मार्च महीने के मौसम में खीरा, लौकी, तोरई, फूलगोभी, भिंडी जैसी सब्जियों की बुवाई करनी चाहिए। इन फसलों की बुवाई मार्च तक चलती है। इस समय बोने पर ये फसल की अच्छी पैदावार होती है।
डा. सिंह ने बताया खीरे की भारतीय किस्में में स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पूना खीरा, पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90, कल्यानपुर हरा खीरा, कल्याणपुर मध्यम और खीरा 75 आदि प्रमुख है। वहीं इसकी संकर किस्मों में पंत संकर खीरा-1, प्रिया, हाइब्रिड-1 और हाइब्रिड- 2 आदि अच्छी किस्में हैं। इसी के साथ ही इसकी विदेशी किस्में भी होती हैं जिनमें जापानी लौंग ग्रीन, चयन, स्ट्रेट- 8 और पोइनसेट आदि प्रमुख है। नवीनतम किस्मों में पीसीयूएच-1, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा और स्वर्ण शीतल आदि अच्छी किस्में मानी जाती हैं।
डा. सिंह ने बताया लौकी की खेती भी इस मार्च महीने में की जा सकती है। इसके लिए लौकी की किस्मों में कोयम्बटूर‐1, अर्का बहार, पूसा समर प्रोलिफिक राउंड, पंजाब गोल, पूसा समर प्रोलिफिक लाग, नरेंद्र रश्मि, पूसा संदेश, पूसा हाईब्रिड‐3, पूसा नवीन आदि उन्नत किस्मों से अधिक उत्पादन मिल सकता है।
डा. सिंह के अनुसार मार्च महीने में तोरई की खेती भी कर सकते हैं। इसके लिए उन्नत किस्मों में तोरई की पूसा चिकनी, पूसा स्नेहा, पूसा सुप्रिया, काशी दिव्या, कल्याणपुर चिकनी, फुले प्रजतका आदि को उन्नत किस्मों मानी गई हैं।
डा. सिंह ने बताया फूलगोभी की खेती भी इस महीने कर सकते हैं। इसकी कई उन्नत किस्में हैं जिनमें अगेती किस्मों में अर्ली कुंआरी, पूसा कतिकी, पूसा दीपाली, समर किंग, पावस, इम्प्रूव्ड जापानी आदि आती हैं। वहीं पंत सुभ्रा, पूसा सुभ्रा, पूसा सिन्थेटिक, पूसा स्नोबाल, के.-1, पूसा अगहनी, सैगनी, हिसार नं.-1 इसकी मध्यम किस्में हैं। फूल गोभी की पछेती किस्में पूसा स्नोबॉल-1, पूसा स्नोबॉल-2, स्नोबाल -16 हैं।
डा. सिंह ने बताया कि भिंडी की फसल भी इस मौसम में उगाना लाभकारी है। भिंडी की उन्नत किस्मों में परभन क्रांति, पूसा सावनी, पंजाब पद्मनी, पूजा ए-4, अर्का भय, अर्का अनामिका, पंजाब-7, पंजाब-13 भिंडी की उन्नत किस्में मानी जाती है। इसकी अन्य किस्मों में वर्षा, उपहार, वैशाली, लाल हाइब्रिड, ई.एम.एस.-8 (म्यूटेंट), वर्षा, विजय, विशाल आदि हैं।
कृषि वैज्ञानिक एवं सब्जी विशेषज्ञ डा. सी. बी. सिंह।

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