थाना रानी की सराय
शातिर अपराधी रूपेश सिंह पटेल पर गैगेस्टर एक्ट की कार्यवाही
दिनांक 14.02.2023 को प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार सिंह मय हमराह को क्षेत्र भ्रमण के दौरान ज्ञात हुआ कि अभियुक्त रूपेश सिंह पटेल पुत्र सूरज सिंह निवासी हसनपुर थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़ एक अपराधिक प्रवृति का व्यक्ति है । जिसका एक संगठित गिरोह है जिसका वह स्वयं सरगना (गैंग लीडर) है । इसके गैंग के सक्रिय सदस्य 1.मो0अनस पुत्र एजाज अहमद नि0 सम्मोपुर आइमा थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़ 2.आलोक पाण्डेय पुत्र जितेन्द्र पाण्डेय नि0 चकिया थाना रानी की सराय आजमगढ 3.संगम गुप्ता पुत्र स्व0 अजय गुप्ता नि0 स्टेशन रोड कस्बा व थाना रानी की सराय आजमगढ 4.संतोष सिंह पुत्र नरेन्द्र सिंह नि0 भगहा थाना रानी की सराय आजमगढ 5.शिवम सोनी पुत्र अमरनाथ सोनी निवासी घाटीपट्टी थाना रानी की सराय आजमगढ 6.शुभम सोनकर उर्फ छोटू सोनकर पुत्र दारा सोनकर निवासी राजा गली कस्बा व थाना रानी की सराय आजमगढ है।
➡ अभियुक्त रूपेश सिंह पटेल अपने गैग के सदस्यो के साथ मिलकर लूट, डकैती तथा पुलिस पर जान से मारने की नियत से फायर करने की जैसे जघन्य अपराध कारित करता है । इनके द्वारा किये गये आपराधिक कृत्यो से आम जनमानस में काफी भय व आतंक व्याप्त है, जनता का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध मुकदमा लिखाने व गवाही देने की हिम्मत नहीं करता है।
➡ दिनाँक 17.09.2022 को आशुतोष सिंह पुत्र अरविन्द सिंह नि0 अमिलिया थाना गम्भीरपुर जनपद आजमगढ से थाना गम्भीरपुर क्षेत्रान्तर्गत रोहुआ इसान पब्लिक स्कूल के पास लूट की घटना कारित किये थे जिसके सम्बन्ध मे थाना गम्भीरपुर जनपद आजमगढ पर मु0अ0स0 334/2022 धारा 392 भादवि बनाम अज्ञात कर विवेचना प्रारम्भ किया गया तो अभियुक्त रूपेश सिंह पटेल का नाम प्रकाश में आया।
➡ दिनाँक 21.09.2022 को जुल्फेकार पुत्र महाबुद वक्स नि0 लालंगज थाना देवगाँव जनपद आजमगढ़ से लूट लिया गया था। जिसके सम्बन्ध में थाना गम्भीरपुर पर दिनांक 22.09.22 को मु0अ0स0 337/2022 धारा 392 भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत किया कर विवेचना प्रारम्भ किया गया जिसमें अभियुक्त रूपेश सिंह पटेल का नाम प्रकाश में आया।
➡ अभियुक्त रूपेश सिंह पटेल के विरुध जघन्य अपराधो से सम्बन्धित कुल 05 मुकदमें जनपद के विभिन्न थानों पर पंजिकृत है। जिसके विरुध थाना गम्भीरपुर पर मु0अ0सं0 37/23, धारा 3(1) उ0 प्र0 गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (1986) पंजीकृत कर कार्यवाही की जा रही है।