बरेली: रुद्राभिषेक कर दुःख-रोग से छुटकारा पाएं और धन-संपत्ति बढ़ाएँ

रुद्राभिषेक कर दुःख-रोग से छुटकारा पाएं और धन-संपत्ति बढ़ाएँ

दीपक शर्मा (संवाददाता)

बरेली : शाहजहाॅपुर में आदर्श दिव्यांग कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन रामलीला मैदान खिरनी वाग में चल रही कथा में व्यास पीठ का पूजन आचार्य विवेकानंद शास्त्री ने राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया से करवा कर कथा का शुभारंभ कराया इस अवसर पर समिति ने आज के मुख्य यजमान को शिवपरिबार की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया।
कथा प्रागण में व्यास पीठ पर उपस्थित परम पूज्य संत शिरोमणि गौरदास जी महाराज के श्री मुख से भक्तों ने कथा का श्रवण किया। महाराज जी बताया की जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक कर के देखें निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है।
रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। श्रावण मास या शिवरात्रि के दिन यदि रुद्राभिषेक किया जाये तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक कर के देखें निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। शिवरात्रि, प्रदोष और सावन के सोमवार को यदि रुद्राभिषेक करेंगे तो जीवन में चमत्कारिक बदलाव महसूस करेंगे।
रुद्राभिषेक का महत्व बताते हुए महाराज जी ने कहा की एक बार भगवान शिव सपरिवार वृषभ पर बैठकर विहार कर रहे थे। उसी समय माता पार्वती ने मृत्युलोक में रुद्राभिषेक कर्म में प्रवृत्त लोगों को देखा तो भगवान शिव से जिज्ञासावश पूछा कि हे नाथ! मृत्युलोक में इस इस तरह आपकी पूजा क्यों की जाती है? तथा इसका फल क्या है? भगवान शिव ने कहा- हे प्रिये! जो मनुष्य शीघ्र ही अपनी कामना पूर्ण करना चाहता है वह आशुतोषस्वरूप मेरा विविध द्रव्यों से विविध फल की प्राप्ति हेतु अभिषेक करता है। जो मनुष्य शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी से अभिषेक करता है उसे मैं प्रसन्न होकर शीघ्र मनोवांछित फल प्रदान करता हूँ। जो व्यक्ति जिस कामना की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक करता है वह उसी प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग करता है अर्थात यदि कोई वाहन प्राप्त करने की इच्छा से रुद्राभिषेक करता है तो उसे दही से अभिषेक करना चाहिए यदि कोई रोग दुःख से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे कुशा के जल से अभिषेक करना चाहिए। रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं। इनका अभिषेक करने से सभी ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है। रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है। अभिषेक के कई प्रकार होते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है रुद्राभिषेक करना अथवा श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा कराना। वैसे भी भगवान शिव को जलधाराप्रिय माना जाता है क्योंकि वह अपनी जटा में गंगा को धारण किये हुए हैं। आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक करा रहे हैं उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए इसका उल्लेख शिव पुराण में किया गया है। इसी कारण से महाराज जी ने बताया प्रत्येक व्यक्ति को रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है रुद्राभिषेक करके व्यक्ति अपनी समस्त समस्याओं का निदान कर सकता है
इस अवसर पर आयोजन समिति के मुख्य आयोजन में हरीशरण बाजपेई नीरज बाजपेई डॉ विजय पाठक दीपक शर्मा सतीश वर्मा सिधौली ब्लाक प्रमुख मुनेश्वर सिंह जितेंद्र नाथ तिवारी ममता तिवारीओम बाबू सर्राफ डॉ नमिता सिंह वीना सिंह उदयवीर सिंह देवप्रकाश मिश्रा ललित दीक्षित विष्णु मिश्रा रीता गुप्ता योगिता गुप्ता माधुरी गुप्ता एकता अग्रवाल विनय गुप्ता राधा गुप्ता आदि ने व्यासपीठ की आरती पूजन किया ।

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