गीता, गुरुग्रंथ साहिब और बाइबल की तरह पवित्र है संविधान: एसपी बघेल


गीता, गुरुग्रंथ साहिब और बाइबल की तरह पवित्र है संविधान: एसपी बघेल
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी बघेल पंचायत भवन के सभागार में आयोजित संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे।
कुरुक्षेत्र, 25 जून :केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी बघेल ने कहा कि भारतीय संविधान हमारे देश के गीता, गुरुग्रंथ साहिब और बाइबल की तरह पवित्र है। हमें संविधान का मान सम्मान और आदर करना चाहिए। देश हित में संविधान के अंदर संशोधन भी किया जाने चाहिए, लेकिन व्यक्तिगत या कुर्सी के लिए संशोधन करना संविधान की हत्या के बराबर है। भारतीय जनता पार्टी संविधान को बचाने के लिए काम कर रही है।
केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी बघेल बुधवार को पंचायत भवन के सभागार में आयोजित संविधान हत्या दिवस 2025 कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। इससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी बघेल ने संविधान हत्या दिवस को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान जेल में बंद होने वाले और उनके परिजनों को शाल भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी बघेल ने कहा कि देश को कुरुक्षेत्र की भूमि से धर्म-अधर्म, न्याय- अन्याय, नीति और अनीति के विषय में ज्ञान दिया है, जिसका हमारे देश में नहीं बल्कि पूरे विश्व में अनुसरण किया है। अब तक अधर्म, अन्याय और अनीति हारती आई है। यही सीख संविधान की हत्या करने वालों को भी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में डेमोक्रेसी बहुत ही बड़ी और पुरानी है। देश के पास द्वापर और त्रेता युग का प्रमाण मौजूद है, जबकि अमेरिका के पास स्टैचू ऑफ यूनिटी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका आज खुद की डेमोक्रेसी को सबसे पुराना बता रहा है। अब समय बदल चुका है, उसकी डेमोक्रेसी को भारत के नागरिक चैलेंज करते हैं, क्योंकि सबसे पुरानी और सबसे बड़ी डेमोक्रेसी भारत की रही है और आगे भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अब तक दो महिलाएं राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित हो चुके हैं, लेकिन अमेरिका में आज तक महिला को राष्ट्रपति की उपाधि नहीं मिली।
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी बघेल ने कहा कि हमारे देश की डेमोक्रेसी पर सिर्फ 19 महीने की इमरजेंसी ही एक काला धब्बा है। यह वो समय है जब देश के नागरिकों को छिप कर रहना पड़ा, दुकानदारों के रोजगार बंद हो गए, किसान अपने खेत में काम नहीं कर सकते थे, जो भी व्यक्ति बाहर मिलता था उसे जेल में बंद कर देते थे, नशबंदियां होती थी, लोगों को बहुत सी यातनाएं सहन करनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि इस आपातकाल के दौरान करीब 1 लाख 10 हजार लोगों को जेल में बंद किया गया, इनमें पत्रकार भी शामिल रहे। बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। उन्होंने कहा कि आपातकाल की स्थिति देश को किसी बाहरी खतरे के समय, आंतरिक अशांति के समय और वित्तीय संकट में घोषित की जाती है। वर्ष 1975 में हमारे देश में तब इनमें से कोई भी कारण नहीं था। अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता में आने पर इन यातना सहन करने वालों को मान सम्मान दिया।
जिला अध्यक्ष तिजेंदर सिंह गोल्डी ने कहा कि 25 जून 1975 को देश लगाया गया था, जिसे आज 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। तब लोगों को जेल में भेजा गया। संविधान में संशोधन करके उसे बदला गया। जो भारतीय संविधान का काला अध्याय माना जाता है, इसलिए इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष तिजेंदर सिंह गोल्डी, भाजपा नेता जवाहर सैनी, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, चेयरमैन धर्मवीर डागर, उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, जिला परिषद चेयरपर्सन कंवलजीत कौर, एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश, भाजपा नेता सुभाष कलसाना, आत्मप्रकाश मनचंदा, जिला मीडिया प्रभारी शैलेश वत्स, मंडल अध्यक्ष शिव गुप्ता, मंडल अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह, मंडल अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, जितेंद्र खैरा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।