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भव्य श्रीमद्भागवत कथा एवं नव कुण्डीय सहस्त्रचण्ड़ी यज्ञ 7 नवम्बर से शुरू

भव्य श्रीमद्भागवत कथा एवं नव कुण्डीय सहस्त्रचण्ड़ी यज्ञ 7 नवम्बर से शुरू

पवन कालरा संवाददाता राष्ट्रीय सभ्यता

बरेली : बाबा महाकाल सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में शुक्रवार 7 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025
तक दिव्य,आलौकिक नव कुण्डीय सहस्त्र चण्डी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन होने जा रहा है। भागवत व्यास आचार्य रमाकान्त दीक्षित ने आयोजन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कार्यक्रम 7 नवम्बर 2025 सुबह 10.30 बजे कलश यात्रा से शुरू हो जायेंगे। कार्यक्रम स्थल कृष्णा नगर कालौनी, निकट काशीनाथ लॉज, दुर्गा नगर, बरेली है।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए शक्ति उपासक कथा व्यास आचार्य रमाकांत दीक्षित ने बताया कि 7 नवम्बर 2025 की सुबह 10.30 बजे से भव्य कलश यात्रा बैंड बाजे के साथ निकाली जायेगी तदोपरांत दोपहर 1 बजे मंत्रोच्चारण के साथ अरणी मंथन द्वारा दिव्य अग्नि प्रकट कर यज्ञ का शुभारम्भ किया जायेगा।
आचार्य जी ने बताया कि सहस्त्रचण्ड़ी यज्ञ राजराजेश्वरी माता चण्डी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है शास्त्रों में इसको षट्कर्म को सिद्ध करने वाला,अकल्पनीय भोग्य पदार्थों, यश, वैभव, धन धान्य प्रदाता बताया गया है। यज्ञ रोजाना सुबह 8 बजे से 1 बजे तक चलेगा। श्रीमद् भागवत कथा का समय शाम 4 बजे से 7 बजे तक रहेगा। इस दिव्य महायज्ञ में सवा क्विंटल हवन सामग्री व 3 क्विंटल आम की समिधा का प्रतिदिन प्रयोग किया
जायेगा। 51 ब्राहाम्णों द्वारा यज्ञ का अनुष्ठान किया जायेगा। याज्ञाचार्य बनारस के विद्धान निलेश मिश्रा रहेंगे। यज्ञ में सम्मलित होने के लिए
बनारस, अयोध्या, वृंदावन, हरिद्वार, बुलंदशहर, नरौरा, मध्य प्रदेश आदि स्थानों से ब्राहाम्ण व संत महात्मा पधार रहें हैं, संगीतमय प्रस्तुति के लिए भी कलाकार आ रहें है। 15 नवम्बर 2025 को सुबह 10 बजे पूर्ण आहूति व कन्या भोज के उपरांत विशाल भण्डारे के साथ कार्यक्रम का विश्राम होगा ।
नव कुण्डीय सहस्त्र चण्डी महायज्ञ से पूर्ण होंगी भक्तों की समस्त कामनाएं: आचार्य रमाकांत दीक्षित
आचार्य रमाकांत दीक्षित ने बताया कि याज्ञाचार्य नीलेश मिश्रा रहेंगे। यज्ञ शाला नव कुण्डीय हैं, नवकुण्ड इस प्रकार हैं। ईशान कुण्ड़ के माध्यम से आरोग्यप्राप्ति, पूर्व-चतुरस्त्र कुण्ड़ के माध्यम से कार्यसिद्धी, अग्नि-योनी कुण्ड़ से पुत्रप्राप्ति, दक्षिण अर्धचन्द्र से कल्याण, नैऋत्य-त्रिकोण से शुत्रबाधा मुक्ति, पश्चिम-वर्तुल
से शांति प्राप्ति, उत्तर-पद्यकुंड वर्षाकारक, वायव्य-षडस्त्र से भयमुक्ति, रक्षा की प्राप्ति होती है। यह सभी नौ कुण्ड़ विद्वानों की देख रेख में यज्ञशाला में बनवाये गयें हैं, साधकों के सभी मनोरथ को पूर्ण करेंगे।
प्रेसवार्ता के दौरान अजय राज शर्मा, दीपेश अग्रवाल, मीडिया प्रभारी एडवोकेट
हर्ष कुमार अग्रवाल, संजय शर्मा, गरिमा कमाण्डो, (सभासद), अरूण शुक्ला, विजय कमाण्डो,
प्रवीन अग्रवाल, अनुराग अवस्थी, मनोज मिश्रा, सचिन शर्मा, विवेक मित्तल,विमल पाण्डेय आदि मौजूद रहे।

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