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गुरु शिष्य महान परम्परा : प्रोफेसर ज्योति राणा

गुरु शिष्य महान परम्परा : प्रोफेसर ज्योति राणा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित महिलाओं
को प्रदान किए गए प्रमाण पत्र।

पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने कहा कि गुरू शिष्य एक महान परंपरा है। एक गुरु शिष्य के जीवन को उज्ज्वल बनाने का अवसर प्रदान करता है। गुरु से कौशल प्राप्त कर शिष्य जीवन भर के लिए आत्मनिर्भर बन सकता है। वह गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर उन्हें प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने कहा कि गुरू शिष्य कौशल सम्मान योजना का दायित्व मिलना श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत महत्वाकांक्षी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने से समाज में अनुभवी लोगों को दूसरों को प्रशिक्षण देने का सुअवसर मिलेगा। इससे युवा पीढ़ी उनके अनुभव का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनेगी। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि सिर्फ़ पैसा कमाना ही उद्देश्य नहीं है, बल्कि कौशल प्राप्त करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास आता है और यह आत्मविश्वास जीवन की ख़ूबसूरत उपलब्धि है। उन्होंने प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली महिलाओं को बधाई दी।
गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना की प्रभारी संयुक्त निदेशक डॉ. नीति अरोड़ा ने कहा कि समाज के अनुभवी व्यक्तियों को ढूँढकर उनका सम्मान करना और उनके कौशल को अधिक से अधिक युवाओं तक पहुँचाना हमारा उद्देश्य है। इसी के अंतर्गत हेल्थ एंड ब्यूटी केयर के क्षेत्र में फरीदाबाद जिले की महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए है।
तकनीकी सलाहकार पीयूष चक्रवर्ती ने कहा कि गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना के अंतर्गत महिलाओं के पूर्व अनुभव का मूल्यांकन कर उसे मान्यता दी गई है। अब यह महिलाएँ आगे अपनी शिष्य तैयार करेंगी।
सहायक उप निदेशक पूजा शर्मा ने बताया कि सभी महिलाओं को 10 दिन का विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है, जिससे उन्हें आगे प्रशिक्षण देने में सरलता रहेगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और इसके लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का आभार ज्ञापित किया।
प्रशिक्षित महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान करती कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा।

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