हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के वॉल कैलेंडर का किया विमोचन

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के वॉल कैलेंडर का किया विमोचन।
 
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161 91877

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ निवास स्थान पर श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के वार्षिक वॉल कैलेंडर और डायरी का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान और कुलसचिव डॉ. नरेश भार्गव को बधाई दी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जो परंपरागत चिकित्सा पद्धति में शिक्षा के साथ-साथ चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रहा है। निश्चित तौर पर आयुष विवि आगामी वर्षों में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय द्वारा अग्रणी भूमिका निभाई गई थी दूसरी ओर कोरोना के दौरान जिस प्रकार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति कारगर सिद्ध हुई है उससे एकाएक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को लेकर लोगों में विश्वास पैदा हुआ है। इस विश्वास को ओर अधिक बल मिले इसके लिए लगातार प्रयासरत रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आयुष विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों,  अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को नव वर्ष 2024 की बधाई दी।
कुलपति प्रो. वैद्य कतार सिंह धीमान ने श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के वॉल कैलेंडर और डायरी के विमोचन के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि इस बार के वॉल कैलेंडर में ऋतु अनुसार किस प्रकार का व्यक्ति का आहार- विहार और रहन- सहन होना चाहिए इसकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सराहना की है।
श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया लोहड़ी पर्व।
 श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के प्रांगण में शनिवार को लोहड़ी का पर्व  धूमधाम  से मनाया। कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को लोहड़ी एवं मकर संक्रांति की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पर्व समृद्ध भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, जो समाज को जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाने वाला लोहड़ी त्योहार हिंदुओं और सिखों के लिए पवित्र त्योहार है। वहीं आयुर्वेदिक दृष्टि से भी यह त्योंहार खासा महत्व रखता है। इस दिन लोग तिल के लड्डू से लेकर गजक और तिल गुड़ की रेवड़ी का सेवन करते हैं। तिल में आयुर्वेद के गुण भी होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व कई बीमारियों के खतरे से बचाते हैं।इसलिए इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने कहा कि जिस घर में लड़का पैदा होता है उस घर की पहली लोहड़ी के रूप में यह त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन आजकल लोगों ने बेटे-बेटियों में फर्क मिटा दिया है जो समाज का सराहनीय कदम है, और बेटियों की लोहड़ी भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि लोहड़ी का इतिहास दुल्ला भट्टी की कहानी से भी जुड़ा है। इस अवसर पर सभी शिक्षक,  अधिकारी व विद्यार्थी भी मौजूद रहे।

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