रत्नावली महोत्सव में पहुंचेगे हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी, दूरभाष – 94161 91877
हरियाणवी लोक कला एवं संस्कृति का प्रतीक है रत्नावली महोत्सवः प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा।
कुवि कुलपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी रत्नावली महोत्सव की विस्तृत जानकारी।
कुरुक्षेत्र, 23 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 के बीच आयोजित होनी वाली राज्य स्तरीय हरियाणा रत्नावली महोत्सव से संबंधित प्रैस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए गुरुवार को केयू सीनेट हॉल में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि चार दिवसीय रत्नावली महोत्सव में हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी उपस्थित होंगे। महोत्सव में हरियाणा के महामहिम राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. अशीम कुमार घोष, शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा सहित गणमान्य मंत्री, पदमश्री कलाकार एवं फिल्मी हस्तियां भी पहुंचेगी। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने केयू रत्नावली पोस्टर का भी विमोचन किया।
उन्होंने कहा कि रत्नावली महोत्सव हरियाणवी लोक कला एवं संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है तभी से हरियाणा दिवस सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम के रूप में आयोजित होता था। वहीं सन् 1985 में 8 से 10 विधाओं से शुरू होकर आज राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव 34 विधाओं तक पहुंच चुका है। हरियाणा संस्कृति के संरक्षण में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने अपनी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए वर्ष 2006 में केयू धरोहर हरियाणा संग्रहालय की स्थापना कर धरोहर जैसे संग्रहालय को स्थापित किया। वहीं राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव के माध्यम से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हरियाणवी रसिया डांस, हरियाणा ऑरकेस्ट्रा, हरियाणवी रिचुअल, लूर नृत्य, हरियाणवी पगड़ी, हरियाणवी लोक विनोद, हरियाणवी गायन शैलियां, हरियाणवी सांग को जीवंत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इस राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव का उद्देश्य युवाओं को हरियाणवी संस्कृति से जोड़ना, लोक कलाओं को संरक्षित करना, और ग्रामीण विरासत को मंच प्रदान करना है। रत्नावली केवल मनोरंजन नहीं, यह संस्कार, संस्कृति और सृजनात्मकता का संगम है। यह महोत्सव नई पीढ़ी को यह सिखाता है कि अपनी जड़ों से जुड़कर भी हम आधुनिकता की ओर बढ़ सकते हैं। इस मौके पर लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया सभी मीडिया बंधुओं का हार्दिक स्वागत किया तथा युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, उपनिदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा सहित डॉ. हरविन्द्र राणा मौजूद रहे।
हरियाणा बोली को भाषा के रूप में स्थापित करने के होंगे प्रयास।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणवी बोली भाषा के रूप में स्थापित करने का प्रयास करेगा। इसका प्रयास राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव से शुरू होगा तथा विश्वविद्यालय हरियाणवी बोली को भाषा का दर्जा दिलाने तक इस प्रयास में लगा रहेगा। हरियाणा का प्रत्येक व्यक्ति इस कमी को महसूस करता है कि अपनी बोली को भाषा के रूप में स्थापित हो, इसके लिए विश्वविद्यालय पहल शुरू कर रहा है और रत्नावली महोत्सव में यह प्रयास मंच संचालन से लेकर हरियाणवी समाचार पत्र निकालने तक कई रूपों में दिखाई देगा।
हरियाणवी व्यंजन बनेंगे विशेष आकर्षण का केन्द्र।
केयू परिसर में 28 से 31 अक्टूबर के बीच आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में हरियाणवी व्यंजन विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि इस बार रत्नावली महोत्सव में हरियाणवी व्यंजन में हरियाणवी खान-पान की धूम रहेगी जिसमें देशी घी का चूरमा, कसार, खिचड़ी, लस्सी, खीर, पूडे़, गुलगुले व सवाली आदि विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगे।
हरियाणवी लोक कला के लिए वरदान साबित होगी रत्नावली।
केयू में आयोजित होने वाले रत्नावली महोत्सव में हरियाणवी लोक कला को संरक्षित करने में वरदान साबित होगी। हरियाणवल लोक कला में हरियाणवी सांग, लूर, हरियाणवी ऑरकेस्ट्रा, रसिया, रीति-रिवाज, हरियाणवी पगड़ी, हरियाणवी गायन शैलियों, हरियाणवी हस्तशिल्प, हरियाणवी परिधान, हरियाणवी लोक कलाएं, सांझी, चित्तण, मांडणे, हरियाणवी फुलकारी, फुलझड़ी, हरियाणा की बुनाई कला, कढ़ाई कला, बोहिया निर्माण कला, इंडी निर्माण कला के माध्यम से हरियाणा की लोक कला को रत्नावली के माध्यम से संरक्षित किया जाएगा। समय के साथ आधुनिकता की तेज रफ्तार में यह पारंपरिक कला धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। रत्नावली के माध्यम से हरियाणा की लोक संस्कृति को नई पहचान मिलेगी जोकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेगी।
6 मंचों से 34 विधाओं में लगभग 3500 प्रतिभागी करेंगे प्रतिभागिता।
रत्नावली हरियाणा दिवस राज्य स्तरीय महोत्सव में 6 मंचों से 34 विधाओं में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लगभग 3500 प्रतिभागी प्रतिभागिता करेंगे। रत्नावली महोत्सव के तहत आयोजित होने वाले संगीत कार्यक्रमों में हरियाणवी ग्रुप सोंग, हरियाणवी लोकगीत, हरियाणवी भजन, हरियाणवी रागनी, पॉप सोंग हरियाणवी, हरियाणवी फॉक इंस्ट्रूमेंट सोलो, हरियाणवी फोक आरकेस्ट्रा, ड्यूट रागनी, हरियाणवी गजल शामिल है।
युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने बताया कि थियेटर में हरियाणवी चौपाल, हरियाणवी सांग, हरियाणवी वन-एक्ट-प्ले, हरियाणवी स्किट, हरियाणवी रिचुअल्स, मोनो एक्टिंग इन हरियाणवी, शॉर्ट फिल्म इन हरियाणवी शामिल है। इसके साथ ही डांस विधा में हरियाणवी लूर नृत्य (न्यू इवेंट), हरियाणवी सोलो डांस पुरुष तथा महिला, रसिया ग्रुप डांस (हरियाणवी), हरियाणवी ग्रुप डांस, हरियाणवी कोरियाग्राफी शामिल है।
ललित कला में हरियाणवी फैशन शो (न्यू इवेंट), ऑन द स्पोट पेंटिंग ऑन हरियाणा, पेंटिंग प्रदर्शनी ऑन हरियाणा, हरियाणवी पगड़ी, प्राचीन ऐतिहासिक हरियाणवी संग्रह, फॉक कास्च्यूम पुरुष, फॉक कास्च्यूम महिला तथा फॉक हैंडिक्राफ्ट प्रतियोगिता शामिल है। लिट्रेरी इवेंट में हरियाणवी प्रश्नोत्तरी, हरियाणवी कविता, हरियाणवी में भाषण तथा टिट-बिट्स प्रतियोगिता इन हरियाणवी सम्मिलित है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री करेंगे केयू हरियाणवी रत्नावली विशेष न्यूज बुलेटिन का विमोचन।
केयू में चार दिन चलने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा पहली बार हरियाणवी में निकाले जाने वाले केयू रत्नावली विशेष न्यूज बुलेटिन का विमोचन करेंगे। जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि पहली बार रत्नावली विशेष न्यूज बुलेटिन को हरियाणवी में बनाया जा रहा है जिसे लेकर विद्यार्थियों में भी उत्सुकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास हरियाणवी भाषा को उन्नत एवं प्रचार-प्रसार करने में सार्थक साबित होंगे।
हस्तशिल्प द्वारा स्वदेशी उत्पाद को मिलेगा बढ़ावा।
रत्नावली महोत्सव में इस बार क्राफ्ट मेले के अंतर्गत स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों के हाथ से बनाए सामान की विशेष स्टाल लगाई जाएगी। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने बताया कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प उद्योग आत्मनिर्भर भारत की भावना को सशक्त करता है।




