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सरकार और निजी अस्पताल जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए मिलकर करें काम : शांतनु शर्मा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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पीसी पीएनडीटी एक्ट की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ की जा रही है कार्रवाई, लिंग भ्रूण जांच में संलिप्त 3 लोगों को सलाखों के पीछे भेजने का किया काम, आंगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाईजर के खिलाफ भी शिकायत मिलने पर होगी नियमानुसार कार्रवाई।
कुरुक्षेत्र 7 नवंबर : उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि निजी व सरकारी अस्पताल जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए मिलकर कार्य करें। बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, हरियाणा कन्या कोष, आपकी बेटी-हमारी बेटी जैसी अनेकों योजनाएं लागू की गई, ताकि समाज के लोगों को उनका पूरा लाभ मिल सके और लोग कन्याओं को बोझ न समझे। अहम पहलू यह है कि जिला कुरुक्षेत्र में पीसी पीएनडीटी एक्ट की उल्लंघना करने पर दोषियों को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेजने का काम किया जा रहा है।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि 2 अगस्त 2022 को स्वास्थ्य विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि पड़ोसी जिले से कोई व्यक्ति भ्रूण लिंग जांच करने के लिए कुरुक्षेत्र में आ रहा है। इस गुप्त सूचना के आधार पर गठित टीम द्वारा शहर की विष्णु कालोनी में अपना जाल बिछाया और भ्रूण लिंग के लिए आए व्यक्ति कृष्ण गोपाल को उपकरणों सहित गिरफ्तार करके अदालत के आदेशों के उपरांत कारागार में भेजा गया था। अपराधी से छानबीन के दौरान इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी पुलिस को जानकारी प्राप्त हुई। इस जानकारी पर काम करते हुए पुलिस विभाग द्वारा सहारनपुर निवासी मोहित को 5 नवंबर और पिपली निवासी सुबे सिंह को 6 नवंबर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इन दोषियों को गिरफ्तार करने के उपरांत कोर्ट में पेश करने उपरांत कारागार में भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या सुपरवाइजर के खिलाफ क्षेत्र में लिंग जांच का मामले में शामिल होने की सूचना प्रशासन को मिलती है तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए हमें और अधिक मेहनत की जरूरत है। पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करने व करवाने वाले दोनों को ही सजा का प्रावधान है। अगर किसी आम लोगों को इस बारे में कोई सूचना मिलती है तो वह सिविल सर्जन कार्यालय में लिखित, मौखिक व दूरभाष के द्वारा सूचना दे सकता है, उसका नाम व पता गोपनीय रखा जाएगा। अगर सूचना सही पाई जाती है तो इस बारे में सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए एक लाख रुपए का इनाम का प्रावधान है।
डीसी फोटो