समृद्ध लोक संस्कृति का अहसास करवाता है हरियाणा पवेलियन : राजनाथ सिंह

हरियाणवी ठाट-बाट को देखकर दंग रह गए रक्षा मंत्री।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया ’हरियाणा पवेलियन’ का विधिवत उद्घाटन।
हरियाणा पवेलियन बना हरियाणा की 70 स्टॉलों वाली सांस्कृतिक गैलरी।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 24 नवम्बर : भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को ’हरियाणा पवेलियन’ का विधिवत शुभारंभ किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उनके साथ गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल, हरियाणा सरकार के मंत्री कृष्ण बेदी, कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, केडीबी सीईओ पंकज सेतिया, केडीबी मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, डॉ. ऋषिपाल, डॉ. सलोनी दिवान, डॉ. कुलदीप आर्य समेत कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। हरियाणा पवेलियन में पंहुचने पर कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल सिंह ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत किया। हरियाणा की मान-सम्मान की प्रतीक पगड़ी पहनाकर उनका अभिवादन किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हरियाणा पवेलियन का विधिवत उद्घाटन करने के बाद कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय ’स्वधर्म’ और ’कर्तव्यनिष्ठा’ का वैश्विक मंच है। हरियाणा पवेलियन के माध्यम से देश-विदेश से आए लोगों को यह समझने का मौका मिलेगा कि कैसे हरियाणा की संस्कृति और जीवनशैली में भी गीता के कर्मयोग और त्याग का दर्शन समाहित है।“ उन्होंने यह भी कहा कि यह हरियाणा पवेलियन आधुनिकता के साथ अपनी जड़ों को जोड़ने का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो ’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को बल देता है। पवेलियन में हरियाणवी ठाट-बाट को देखकर रक्षा मंत्री दंग रह गए। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की खुले दिल से प्रशंसा की और कहा कि हरियाणा प्रांत व विश्वविद्यालय प्रगति की राह पर अग्रसर है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है।
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के कुशल मार्गदर्शन में तैयार किए गए हरियाणा पवेलियन को हरियाणा की पारंपरिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक पहचान को एक ही छत के नीचे समेटने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। हरियाणा पवेलियन आगंतुकों को हरियाणा राज्य की जीवनशैली और परंपराओं से रूबरू होने का बेहतरीन मौका देगा। यह पवेलियन अब अगले कुछ दिनों तक गीता महोत्सव की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को उजागर करते हुए आगंतुकों के लिए खुला रहेगा।
पवेलियन में हरियाणा की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत, ग्रामीण शिल्पकला, और हथकरघा उत्पादों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। यहाँ पर्यटक के लिए हरियाणा के ग्रामीण जीवन, प्रादेशिक खान-पान, स्टार्टअप के स्टाल लगाए गए हैं, साथ ही कृषि- आधारित नवाचारों और आधुनिक हरियाणा की प्रगति को दर्शाने वाले मॉडल भी प्रस्तुत किए गए हैं। पवेलियन के भीतर लगभग 70 स्टालों में लगाई गई कलाकृतियाँ, मॉडल, और शिल्पकारों के लाइव डेमो आगंतुकों को हरियाणा की ’मिट्टी की खुशबू’ का अनोखा अनुभव कराएंगे। हरियाणा पवेलियन में इस बार आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत की संकल्पना के स्वरूप नवाचार एवं उद्यमिता द्वारा स्वदेशी उत्पाद की प्रदर्शनी के माध्यम से स्वदेशी जागरण अभियान को गति मिलेगी।




