कुरुक्षेत्र में रत्नावली कार्यक्रम में चार चांद लगाती हरियाणवी गजल।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 29 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा 35वां रत्नावली हरियाणा दिवस राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समारोह के दूसरे दिन सायं कालीन सत्र में आर के सदन में कलाकारों द्वारा हरियाणवी गजल एवम मोनो एक्टिंग की प्रस्तुति दी गई। मंच का संचालन खुशी एवं अनमोल ने किया। इस प्रतियोगिता में 25 विभिन्न महाविद्यालयों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया जिसको दो भागों में विभाजित करवाया गया।
प्रथम स्थान कुरक्षेत्र विश्वविद्यालय, द्वितीय स्थान गुरु नानक खालसा कॉलेज करनाल, तीसरा स्थान एसयूएस मटकमाजरी ने विजेता का खिताब हासिल कर माहौल को खुशनुमा बना दिया। प्रतिभागियों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। एक प्रतिभागी ने एक गजल सबको मालूम है बाहर की हवा कातिल है, यूं ही कातिल से उलझने की ज़रूरत क्या है गाकर सुनाई, जिसे लोगों ने पंसद भी किया है। निर्णायक मंडल के कैलाश वर्मा ने कहा कि ऐसे ही गजलों से लोगों को अच्छी सिख मिलेगी।
एस डी महिला महाविद्यालय नरवाना द्वारा तेरे बिना मेरा जी घबरावे बाबला तेरी याद सतावे, आरकेएसडी कॉलेज कैथल ने बाता की अमीर दुनिया हेरअ दिल की खराब स मैने प्याओ ना शराब गजल सुनाई । निर्णायक मंडल में शामिल प्रो. शुचिस्मिता ने बताया की यद्यपि ग़ज़ल हिंदी में अपना स्थान स्थापित कर चुकी है तथापि हरियाणवी में यह विधा बहुत पुरानी नहीं है। निर्णायक मंडल के सदस्य तेजेंद्र गिल ने बताया कि हरियाणवी काव्य में हरियाणवी गजल का प्रयोग शायद सबसे नया प्रयोग कहा जा सकता है।
विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा माहौल को और खुशनुमा बनाते हुए गजल की आकर्षक प्रस्तुति दी गई। एक गजल जिसने पूरे वातावरण को भक्ति के रंग में रंग दिया। इसी प्रकार, गजल गायकी का सिलसिला लगभग 1 घंटे तक चला। जिसमे गीतों की अनेकों शानदार प्रस्तुति दी गई।