हिंदी भाषा को लोकप्रिय बनाने में मुंशी प्रेमचंद के साहित्य का महत्त्वपूर्ण योगदान- उपमेंद्र

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ परिवार के तत्वावधान में उपन्यासकार एवं कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 145 वीं जयंती स्थानीय पांचालपुरी स्थित संस्था के कैंप कार्यालय पर प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश जौहरी के संयोजन में मनाई गई । जयंती पर मुंशी प्रेमचंद पर केंद्रित विचार गोष्ठी एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने की कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट रहे।
मां शारदे एवं मुंशी प्रेमचंद जी के चित्र पर माल्यार्पण से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में साहित्यकारों एवं संस्था- पदाधिकारियों ने मुंशी प्रेमचंद जी पर अपने- अपने विचार व्यक्त किए और मानवीय मूल्यों की स्थापना एवं हिंदी भाषा को लोकप्रिय बनाने में उनके साहित्य को महत्त्वपूर्ण बताया।
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट. ने मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यास और कहानियों पर शोध के लिए अकादमी की स्थापना की माँग करते हुए कहा कि हिंदी भाषा को लोकप्रियता दिलाने के साथ हिंदी के उत्थान में उनकी लेखनी का बड़ा योगदान है। मानवीय मूल्यों की स्थापना में भी उनका योगदान उनके लेखन में साफ नजर आता है । कहानियाँ मार्मिक एवं हृदयस्पर्शी के साथ यथार्थ का चित्रण कराती हैं। उनका सृजन आम जनमानस से सीधा संवाद करता हैं जिसके लिए उन्हें युगों- युगों तक याद किया जाता रहेगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपने साहित्य के माध्यम से आम जनमानस में नवीन चेतना का संचार किया। वह सबसे लोकप्रिय – महान कहानीकार थे। हम उन्हें शत् शत् नमन करते हैं। काव्य संध्या में कवियों ने अपनी रचनाओं के द्वारा मुंशी जी को याद किया और उन्हें शब्दांजलि अर्पित की।कार्यक्रम में दीपक मुखर्जी दीप, सुभाष राहत बरेलवी, जगदीश निमिष, रामकुमार भारद्वाज अफरोज, रामधनी निर्मल, अश्वनी कुमार तन्हा, राजकुमार अग्रवाल एवं अतुल सक्सेना आदि उपस्थित रहे। संचालन हास्य कवि श्री मनोज टिंकू ने किया। अंत में आभार प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश जौहरी ने सभी के प्रति प्रकट किया।