शिक्षक की समाज में पर्यावरणीय चेतना जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिकाः डॉ. वीरेन्द्र पाल

कुवि में दो-साप्ताहिक पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ।
कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 6 नवम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड एंड ऑनर्स स्टडीज के सहयोग से “पर्यावरणीय चुनौतियाँ एवं सतत विकास” विषय पर दो-साप्ताहिक बहु विषयक पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 6 नवम्बर से 19 नवम्बर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों व शोधार्थियों को पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने हेतु आधुनिक दृष्टिकोण एवं शोध कौशल प्रदान करना है।
कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुल-गीत के साथ हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने उद्घाटन भाषण में शिक्षकों को समाज में पर्यावरणीय चेतना जागृत करने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि व्यवहार में परिवर्तन लाना होना चाहिए। यदि शिक्षक और शोधार्थी स्वयं पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली अपनाएँ और सतत विकास से जुड़े मुद्दों पर समाज को जागरूक करें, तो निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित एवं स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सकता है।
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड एंड ऑनर्स स्टडीज की प्राचार्या प्रो. रीटा ने मुख्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। यूजीसी मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर की निदेशक प्रो. प्रीति जैन ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के मुद्दों पर शैक्षणिक जगत की सक्रिय भूमिका समय की मांग है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और जागरूकता से ही समाज में पर्यावरण हितैषी दृष्टिकोण को मजबूत किया जा सकता है।
उद्घाटन सत्र के उपरांत आयोजित विभिन्न शैक्षणिक सत्रों में विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। प्रो. विपिन कुमार, अध्यक्ष, भूगोल विभाग, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, रेवाड़ी ने “भौगोलिक तकनीक एवं सतत विकास लक्ष्य” विषय पर बोलते हुए भौगोलिक सूचना प्रणाली और डेटा विश्लेषण की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की। वहीं शाम के सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रो. ए.आर. चौधरी ने “जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक ऊष्मीकरण” विषय पर वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त कुवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, ने “सतत विकासः एक सशक्त एवं समान भविष्य” विषय पर सारगर्भित विचार रखे।
कार्यक्रम के समापन पर उप-निदेशक डॉ. नीरज बातिश ने सभी अतिथियों, विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। पाठ्यक्रम संयोजक डॉ. संदीप कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सभी रिसोर्स पर्सन एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।




