आजमगढ़ 22 जनवरी– मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला ने निर्देश दिये है कि आपदा कन्ट्रोल रूम में ही निराश्रित पशु कन्ट्रोल रूम भी बनाया गया है, उसे क्रियाशील किया जाय, जहाँ पर पूर्व से कार्यरत कार्मिक आपदा एवं अन्य सूचनाओं के साथ-साथ निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में प्राप्त सूचना निर्धारित प्रारूप पर संकलित करेंगे।
उक्त शिकायत को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आजमगढ़ प्रतिदिन दिनभर की शिकायतें सायं 5.00 बजे तथा रातभर की शिकायतें प्रातः 10.00 बजे प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए निस्तारण करेगें। उन्होने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा नगर निकाय में एक गोवंश रजिस्टर बनाया जाय, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान एवं सचिव तथा नगरीय क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी अपने क्षेत्र के सम्बन्धित प्रत्येक परिवार में पाले जा रहे पशुओं का विवरण तथा उनकी संख्या निर्धारित प्रारूप पर बनाकर रखेगें और यदि भविष्य में पशु संख्या में कमी होती है तो उसका कारण (बेचा गया/मृत्यु हुई अथवा अन्य कारण) का रिकार्ड बनायेगें।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक पशु बाड़ा का निर्माण किया जाय, जिसके लिए धनराशि मनरेगा एवं राज्य वित्त से डक्टेल किया जाय। यह कार्य ग्रामीण क्षेत्र में खण्ड विकास अधिकारी तथा नगरीय क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी करेगें। इस कार्य हेतु जहाँ निराश्रित गोवंश अधिक संख्या में हैं, वहाँ प्राथमिकता के आधार पर दो दिन में पशु बाड़ा बनाकर उस क्षेत्र के निराश्रित गोवंश उसी पशु बाड़ा में रखकर उसकी व्यवस्था सम्बन्धित ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव/अधिशासी अधिकारी करेगें। गोवंश के भरण पोषण हेतु ग्रामीण क्षेत्र में बैंक खाता सम्बन्धित प्रधान एवं ग्राम सचिव, नगरीय क्षेत्र में सम्बन्धित अधिशासी अधिकारी तथा सम्बन्धित पशु चिकित्सा अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से खोला जायेगा और उसी तरह से संयुक्त रूप से खाते का संचालन भी किया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में सम्बन्धित प्रधान एवं सचिव तथा नगरीय क्षेत्र सम्बन्धित अधिशासी अधिकारी निराश्रित गोवंश का संरक्षण करेगें। वर्तमान में संचालित गोशालाओं में नर तथा मादा गोवंश को तत्काल अलग-अलग शेडों में संरक्षित किया जाय, ताकि दूसरे को घायल न कर सके।