शीतलहर के मद्देनज़र स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, निगरानी व जनजागरूकता तेज

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एन. आर. वर्मा ने बताया कि जनपद में बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में काम कर रहा है। सभी सीएचसी/पीएचसी को ओपीडी में सर्दी, खाँसी, बुखार तथा साँस लेने में मुश्किल वाले मरीजों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि फ्लू जैसे लक्षण (जैसे बुखार, खाँसी, गले में दर्द) वाले मरीजों, गंभीर हालत वाले मरीजों तथा श्वसन संक्रमण वाले मरीजों की तुरंत पहचान कर आवश्यक उपचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। गंभीर मरीजों के रेफरल के लिए सभी चिकित्सालयों को तैयार रहने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। विभाग द्वारा दवाओं की उपलब्धता, हीटिंग व्यवस्था और गरम पेय जल की निरंतर समीक्षा की जा रही है। डॉ. वर्मा ने बताया कि आशा व एएनएम कार्यकर्ता समुदाय में शीतलहर से बचाव के सरल संदेश दे रहे हैं। विशेषकर बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएँ और पहले से श्वसन रोग से पीड़ित लोग विशेष निगरानी में रखे जा रहे हैं।
नोडल जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. अरविंद चौधरी ने बताया कि फ्लू जैसे लक्षण और गंभीर साँस संबंधी समस्या वाले मरीजों की रिपोर्टिंग को और मज़बूत किया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत उपचार मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि तेज बुखार, लगातार खाँसी या साँस लेने में परेशानी महसूस हो तो नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र से तुरंत संपर्क करें। उन्होंने यह भी बताया कि ठंड में चर्म (त्वचा) रोगियों की संख्या बढ़ने लगती है, इसलिए लोग गुनगुने पानी से स्नान करें और त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए नारियल तेल का प्रयोग करें। इससे त्वचा मुलायम और स्वस्थ रहती है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि गंभीर श्वसन एवं अन्य गंभीर मरीजों का रेफरल 108 एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से ही किया जाए, ताकि मरीजों को समय पर सुरक्षित परिवहन और उपचार मिल सके।अंत में सीएमओ ने आमजन से अपील की कि बच्चे, बुजुर्ग, अशक्त एवं बीमार व्यक्ति विशेष सावधानी बरतें और ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त गर्म कपड़े अवश्य पहनें।




