रिश्तों को बचाना, सहेजना व संवारना ज़रुरी है : रमन्ना रेड्डी।
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घरों में बुजुर्ग की देखभाल की अपेक्षा परिवार के सदस्य अपना ज्ञान एवं राग अलापते हैं : बृज शर्मा।
कुरुक्षेत्र, 3 सितम्बर : कुरुक्षेत्र में मानवीय रिश्तों एवं भावनाओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय कलाकार बृज शर्मा ने 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कलाकारों के साथ प्रमुख संस्था कला सृष्टि के माध्यम से आज बदलते रिश्ते नाटक का मंचन किया।
हरियाणा कला परिषद अम्बाला मण्डल की ओर से भरतमुनि रंगशाला में नाटक के मंचन अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. बी.वी. रमन्ना रेड्डी ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में रिश्ते भी बदल रहे हैं। हमें इन रिश्तों को बचाना, सहेजना व संवारना है। हम शीघ्र ही राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इस प्रयास को आरंभ करने जा रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बृज शर्मा ने कहा कि आज कल परिवारों में बुजुर्गों की देखभाल की बजाय बच्चे भौतिकवादी हो रहे हैं। बृज शर्मा ने अपनी कला एवं प्रतिभा के माध्यम से पिछले करीब चार दशकों में विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने अपने नाटकों, रचनाओं एवं गीतों के माध्यम से आधुनिक समाज में रिश्तों एवं भावनाओं पर काफी पीड़ा को व्यक्त किया है। उन्होंने माना है कि बीते समय के परिवारों में सम्मान एवं एक दूसरे के साथ लगाव होता था।
उन्होंने हाल ही में एक बार फिर से समाज की वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास किया है। उन्होंने यह प्रयास अपने मित्रों एवं सहयोगियों के साथ से नाटक बदलते रिश्ते के माध्यम से किया है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डा. महा सिंह पूनिया, सौरभ दत्त शर्मा, प्रो. सुचि स्मिता शर्मा, डा. जय भगवान सिंगला, विनोद कौशिक, प्रो. सुरेन्द्र मोहन गुप्ता, डा. कर्ण शर्मा, अरुण आश्री, रणधीर शर्मा, डा. अशोक चौधरी, सुनील दत्त शर्मा, रमा शर्मा, रमन कान्ता शर्मा, मंजू सिंगला, धर्म पाल, सत्य भूषण, प्रदीप शर्मा, डा. मोहित गुप्ता, पृथ्वी नाथ गौतम, पूनम कौशिक, सुनीता शर्मा सहित कलाकार के तौर पर डा. दीपक कौशिक, सुशील कुमार, भावना शर्मा, शिव कुमार, साक्षी गौतम, मधु मल्होत्रा, अन्नपूर्णा शर्मा, दीपक शर्मा, नीरज आश्री, आशी खेत्रपाल, दमन शर्मा, मानवी शर्मा, संजीव रिंकू छाबड़ा, डाली शर्मा, मयंक शर्मा, नीरज कौशिक, डा. स्वरित शर्मा, पंकज शर्मा, रीत शर्मा, कृष इत्यादि मौजूद रहे।
नाटक का मंचन करते हुए कलाकार।