धनतेरस पर नहीं दिखा उत्साह, सगुन भर की खरीददारी की लोगों ने
रिपोर्टर :- अविनाश शाण्डिल्य के साथ बिबेक द्विवेदी Vv न्यूज चैनल कोंच जालौन
कोंच। दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो गई है। हालांकि आसमान से बातें करती मंहगाई और खेतों में भरे पानी से जूझ रहे किसानों तथा आम लोगों में पर्व को लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिखा लेकिन चूंकि महत्वपूर्ण त्योहार है सो लोग सगुन की खरीदारी करने के लिए घरों से निकले। शनिवार को नगर के बाजारों में भीड़भाड़ भी कुछ खास नहीं रही। सगुन के तौर पर लोग सोने चांदी के सिक्के और वर्तन खरीद कर घर ले गए। इस दिन झाड़ू भी खरीद कर घर ले जाना शुभ माना जाता है सो झाड़ू की बिक्री खूब हुई।
दीपावली का त्योहार पांच दिन चलता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। धनतेरस के लिए दो दिन पहले से ही बाजार सजने लगे थे, सोना-चांदी और वर्तनों की खरीद के पुराने चलन को देखते हुए सबसे ज्यादा भीड़भाड़ इन्हीं दुकानों पर रही। ग्रामीण अंचल के लोग दिन ढलने के पहले ही अपनी खरीद फरोख्त कर चुके थे जबकि स्थानीय लोगों ने शाम ढलने के बाद सगुन की खरीदारी की। लोगों ने चांदी के पुराने सिक्के खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई जबकि धनाढ्य वर्ग का रुझान सोने की तरफ रहा। वर्तन व्यवसायी चौधरी सतीशचंद्र अग्रवाल व सुरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मंहगाई का असर तो बाजार पर रहा लेकिन बिक्री ठीकठाक रही। स्वर्णाभूषण विक्रेता संजय सोनी महेशपुरा व नवीन ज्वैलर्स ने बताया कि सिक्कों के अलावा लोग भगवान के लिए चांदी के वर्तन भी खरीद ले गए हैं। मौजूदा दौर में इलेक्ट्रॉनिक सामान के अलावा वाहनों की खरीद फरोख्त का चलन बढ़ा है सो धनतेरस के दिन वाहनों की बिक्री भी ठीकठाक रही। बाजारों में कोई अप्रिय वारदात न होने पाए इसके मद्देनजर पुलिस भी पूरी तरह सक्रिय रहकर बाजारों में लगातार गश्त करती रही।
सर्राफा बाजार में रौनक होती अगर किसान के पास पैसा होता
कोंच। यहां के कमोवेश सभी बाजारों में तभी रौनक रहती है जब किसान खुशहाल होता है। सर्राफा बाजार में सोने चांदी के आभूषणों के विक्रेता राकेश सोनी का कहना है कि किसानों के पास पैसों की कमी के कारण दुकानों की रौनक फीकी हुई है। दीपावली का पर्व सबसे बड़ा पर्व है फिर भी सोने चांदी की चीजें खरीदने से लोगों ने परहेज रखा।
किसानों की बर्बादी का असर त्योहारी बाजार पर भी है
कोंच। मुकुल अग्रवाल वर्तन बाजार में दुकान किए हैं, उनका कहना है मंहगाई का असर है और बाजार कमजोर है। अधिक बारिश के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई है जिसका असर बाजार में दिखाई दे रहा है, लेकिन फिर भी बिक्री ठीकठाक रही। बड़े सामानों की बिक्री कम रही, लोगों ने सगुन के तौर पर वर्तन खरीदे हैं।_
लोग परेशान हैं सो धनतेरस पर भीड़भाड़ नहीं दिखी
कोंच। बाजारों में रौनक नहीं होने के पीछे दुकानदारों का मानना है कि लोग परेशान हैं। किराना व्यापारी ब्रजकिशोर डेंगरे का कहना है कि सुरसा मुख की तरह बढ़ती मंहगाई और लोगों के पास पैसा नहीं होने के कारण धनतेरस पर बाजारों में जो भीड़भाड़ देखने को मिलती थी वह इस बार नहीं देखी गई। सगुन भर के लिए लोगों ने बाजार में आकर खरीदारी की है।