आज़मगढ़: डेंगू के डंक से बच्चे को रखें सुरक्षित, रहें सतर्क – डीएमओ

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

डेंगू के डंक से बच्चे को रखें सुरक्षित, रहें सतर्क – डीएमओ

बच्चों को पूरी बाजू के पहनाएं कपड़े

घर की साफ-सफाई रखें, करें मच्छरदानी का प्रयोग

आजमगढ़। 20 अक्टूबर 2022
इस मौसम में बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण के साथ ही डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मच्छर जनित कई रोगों की शिकायत होने लगती है। डेंगू इनमें से एक गंभीर बीमारी है। ऐसे में डेंगू से बचाव के साथ ही समय पर डेंगू के लक्षणों को पहचान कर इलाज करना बेहद जरूरी है। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने दी। डीएमओ ने बताया कि एक अक्टूबर से आज तक आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 598185 घरों का भ्रमण किया गया। जिसमें बच्चों और वयस्कों के बुखार के 174 लोग मलेरिया की जांच में निगेटिव पाये गये। सर्दी-खांसी ( कोविड ) लक्षण के 137 लोगों की जांच में सभी निगेटिव पाये गए। साथ ही 100 लोगों की डेंगू की जांच की गई, जिसमें 27 लोग पॉजिटिव पाए गए। डीएमओ शेषधर द्विवेदी ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को साफ-सफाई तथा स्कूल और घरों के आस-पास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ अन्य पुख्ता इंतजाम भी किए जा रहे हैं। आशा द्वारा घर-घर जाकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि किसी के कूलर या अन्य उपकरण में ज्यादा दिनों तक पानी रहता है या कबाड़ का सामान इकट्ठा किया हुआ है। जैसे कि कूलर, घर में रखे पुराने टायरों, पक्षियों के लिए रखे गए पानी के कटोरों व नारियल के खोलों इत्यादि। इस तरह के संग्रहित पानी में डेंगू के मच्छर के पनपने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा साफ–सफाई एवं आईआरएस का छिड़काव/फागिंग का कार्य किया जा रहा है। जिला महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शैलेश कुमार सुमन ने बताया कि एक अक्टूबर से लेकर आजतक 450 बच्चों से अधिक वायरल पीड़ित इलाज किया गया है। इसमें चार बच्चे डेंगू के थे। वैसे डेंगू किसी भी उम्र में संभव है लेकिन बच्चों में इस बीमारी का असर तेजी से होता है। डेंगू में प्लेटलेट्स लगातार कम होने से कई बार यह जानलेवा हो जाता है। आमतौर पर डेंगू के लक्षण दो से सात दिनों तक रहते हैं। इस मौसम में बच्चे को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं। सुबह, शाम बच्चों के हाथों और पैरों नारियल के तेल लगाएं। बच्चों में डेंगू के लक्षण बड़ों की तुलना में हल्के होते हैं। शिशुओं व बच्चों में वायरल फ्लू की तरह ही डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं। डेंगू होने पर बच्चों का बुखार एक सप्ताह रह सकता है। इस कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन, सुस्ती, मसूड़ों या नाक से खून आना, त्वचा पर चकत्ते पड़ना और एक दिन में तीन से अधिक बार उल्टी हो सकती है। डेंगू में बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर पर तेज बुखार आ सकता है। बड़े बच्चों की आंखों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और तेज सिर दर्द की शिकायत हो सकती है। डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण एक जैसे होते हैं, इसलिए डेंगू का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराने की डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
डेंगू से बचाव के उपाय-
बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं। घर की साफ-सफाई रखें। मच्छर मारने वाली दवा का इस्तेमाल करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरुर करें
शाम को खिड़की दरवाजे बंद रखें। खुली हुई खिड़कियों में जाली लगवायें। घर में पानी जमाव ना होने पाए।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड: दंपती को NIA ने किया तलब, टेरर फंडिंग से जुड़ा मामला,

Thu Oct 20 , 2022
देहरादून: दंपती को एनआईए ने किया तलब, टेरर फंडिंग से जुड़ा मामला, दंपती के खाते में आया विदेश से पैसा सूत्रों के अनुसार, दंपती क्लेमेंटटाउन थाना क्षेत्र में किराये पर रहता है। बताया जा रहा है कि युवक ने पिछले साल कोटद्वार निवासी एक युवती से शादी की थी। राष्ट्रीय […]

You May Like

advertisement