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खादी ग्रामोद्योग प्रबंधक, आवास विकास इंजीनियर समेत 11 बकायेदारों की प्रॉपर्टी होगी कुर्क

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : नगर निगम ने हाउस टैक्स बकाया जमा न करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए खादी ग्रामोद्योग प्रबंधक, एक्सईएन आवास विकास परिषद समेत 11 बड़े बकायेदारों की संपत्तियां कुर्क करने का आदेश जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, यदि इन बकायेदारों ने जल्द ही बकाया राशि जमा नहीं की तो उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा।
शहर में एक लाख रुपये से अधिक बकाया रखने वाले 2,500 से अधिक बकायेदार हैं। नगर निगम ने चालू वित्त वर्ष में 129 करोड़ रुपये (कर एवं अन्य राजस्व) वसूली का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक महज 57 करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाई है। लगातार पिछड़ रही वसूली को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को मंडल व शासन स्तर पर फटकार भी झेलनी पड़ रही थी। अब नगर निगम ने सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है।
नगर निगम के टैक्स विभाग की संस्तुति पर नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने शुक्रवार को 11 बड़े बकायेदारों की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया।
इंद्रानगर के नौ और राजेंद्र नगर के दो बकायेदारों की संपत्ति होगी कुर्क।
नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि 31 मार्च तक अधिकतम वसूली सुनिश्चित की जाएगी। नोटिस जारी करने के बावजूद बकाया जमा न करने वालों पर अब होगी कार्रवाई।
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने कहा
“चालू वित्त वर्ष में केवल दो महीने शेष हैं। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद बकायेदारों ने हाउस टैक्स जमा नहीं किया। अब निगम ने सख्ती दिखाते हुए बड़े बकायेदारों की संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए हैं।”
कुर्की की कार्रवाई से घबराए बकायेदार
नगर निगम की इस सख्त कार्रवाई से शहर के बड़े बकायेदारों में हड़कंप मच गया है। प्रवर्तन दल को निर्देश दिया गया है कि संबंधित भवन स्वामियों और विभागों की संपत्तियों को जल्द से जल्द जब्त किया जाए।
राम नरायन, मुरली मनोहर, मुलख राज सव्वरवाल, ओम प्रकाश मिश्रा, अधिशासी अभियंता नन्कू राम, एक्सईएन आवास विकास, शांति, ममता खंडेलवाल, मालती वर्मा, जयजय राम, प्रबंधक, खादी ग्रामोद्योग सेवा आश्रम, जगन्नाथ खट्टर शामिल हैं।
नगर निगम के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में अन्य बड़े बकायेदारों की सूची भी तैयार की जाएगी और वसूली न करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। अधिकारियों के अनुसार, यदि तय समय सीमा के भीतर बकाया नहीं जमा किया जाता है, तो संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।

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