लोक अदालत आम आदमी के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है- जनपद न्यायाधीश

आज़मगढ़: राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह से सुलझे 99,884 विवाद, 2.53 करोड़ से अधिक का समझौता आजमगढ़। जनपद न्यायालय में शनिवार लो राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 1,12,315 वाद चिन्हित थे और 99,884 वाद निस्तारित किए गए। इस दौरान 2,53,03,895/- रुपये का समझौता हुआ और कई पक्षकारों ने आपसी सहमति से अपने विवादों का समाधान किया।
लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश जय प्रकाश पाण्डेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर और वाग्देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। शुभारम्भ अवसर पर अहसानुल्लाह खान, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय; बन्दना सिंह, पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण; अजय कुमार शाही, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-01; कमला, विशेष न्यायाधीश एस0सी0/एस0टी0 एक्ट; अजय श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश; विजय कुमार वर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश; संतोष कुमार यादव, नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत; जैनुद्दीन अंसारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ0टी0सी0-I सहित अन्य न्यायिक अधिकारीगण, बार के अध्यक्ष, महामंत्री और बैंक पदाधिकारी उपस्थित रहे।
जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत आम आदमी के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है। इसमें दिया गया फैसला अन्तिम होता है और उसके खिलाफ कोई अपील नहीं होती। फैसले सुलह-समझौते पर आधारित होते हैं, इसलिए मतभेद समाप्त हो जाते हैं।
लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन स्तर पर 84,741 वाद और कोर्ट से 15,143 दीवानी व फौजदारी वाद निस्तारित हुए। जनपद न्यायाधीश ने 2 वादों का निस्तारण किया। बन्दना सिंह ने 116, अजय कुमार शाही ने 1, कमला ने 5, अजय श्रीवास्तव ने 3, विजय कुमार वर्मा ने 533, संतोष कुमार यादव ने 17, जैनुद्दीन अंसारी ने 2, अमर सिंह-I ने 4 वाद निस्तारित किए।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने 3,402 वादों का निस्तारण किया। पारिवारिक न्यायालय द्वारा अहसानुल्लाह खान ने 34 और प्रेम शंकर ने 136 वाद निस्तारित किए। कुल 170 वादों में 50 दंपत्तियों ने आपसी सहमति से एक साथ जाने का निर्णय लिया।
लोक अदालत में जिला कारागार के बंदियों द्वारा कौशल विकास के तहत बनाए गए सामानों के स्टॉल भी लगाए गए। कार्यक्रम का संचालन अंकित वर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा किया गया। इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन संपन्न हुआ।