मध्य प्रदेश/ रीवा 01 नवम्बर को मनेगा विंध्य पतन दिवस “पृथक विंध्य प्रदेश की मांग के लिए करेंगें “सत्याग्रह”

मध्य प्रदेश/ रीवा 01 नवम्बर को मनेगा विंध्य पतन दिवस “
पृथक विंध्य प्रदेश की मांग के लिए करेंगें “सत्याग्रह”

ब्यूरो चीफ/ राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश.8889284934

कार्यक्रम:–

पृथक विंध्य प्रदेश के पुनर्गठन की मांग को लेकर विंध्य क्षेत्र के विभिन्न संगठनों के साथ अखिल भारतीय विंध्य क्रांति मंच व बघेल खण्ड विंध्य आदर्श समाज द्वारा पूरे भोपाल समेत विंध्य क्षेत्र में दिनांक 01नवम्बर को ” विंध्य पतन दिवस” के में मनाया जाएगा। इसका मुख्य कार्यक्रम रीवा के टीआरएस कॉलेज ग्राउंड के बगल में स्वामी विवेकानंद पार्क दोपहर 12:00 बजे से कालेज छात्र, व्यापारी और समस्त विंध्यवासी “सत्याग्रह” करेंगे।
साथ ही “हाथ से हाथ मिलाएंगे; अपना विंध्य प्रदेश बनाएंगे” के कार्यक्रम के अनुरूप हाथ में काला रिबन बांधकर एक दूसरे का हाथ मिलाकर मानव श्रृंखला बनाएंगे। इसके बाद पार्क से सायं 4:00 बजे बाद हाथों मे तिरंगा लहराते हुए पदयात्रा मार्च निकाल कर पुराने बस स्टैंड के पास कलेक्ट्रेट पहुंच कर माननीय कलेक्टर साहब को विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर माननीय राज्यपाल व राष्ट्रपति के लिए ज्ञापन पत्र सौंपा जाएगा। अंत में सायंकाल कार्यक्रम समिति की बैठक आहुत की जाएगी जिसमे आगामी कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की जाएगी।

संक्षिप्त कारण:–

1) विंध्य प्रदेश के पुनर्गठन की मांग 66 वर्षों से लगातार चली आ रही है और जिसका की सन् 2000 में अशासकीय संकल्प भी पारित हो चुका हैजो कि केंद्र सरकार के विचाराधीन है ।

2) सन् 2000 में ही इसी संकल्प के साथ छत्तीसगढ़ का उदय हुआ था और आज वह विकास की नई गाथा लिख कर देश में विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो रहा है।

3) लेकिन दुर्भाग्य से राजनैतिक षडयंत्र तथा नेताओं की अनिच्छा के कारण आज तक विंध्य प्रदेश के निर्माण की कथा अधूरी ही रह गयी है शेष विंध्य विकास की कहानी तो आप से छुपी नहीं है । तमाम प्राकृतिक संसाधनों (पेड़, पहाड़, नदियों,खनिज सम्पदा का अपार भंडारण) के अलावा अनन्य विकास के स्रोत मौजूद हैं जिससे पूरे देश प्रदेश का पोषण कर रहा है।

4) इसके बावजूद हमारा विंध्य क्षेत्र हमेशा से अपेक्षा का शिकार रहा है। हमारे क्षेत्र में स्तरीय शिक्षा की कमी, स्वास्थ्य केन्द्रों अस्पतालों डाक्टरों और ज़रूरतीय सामग्रियोंकी भारी कमी, ढेरों खनिज खदानों, उद्योगों – सीमेंट फैक्ट्रियों के बावजूद बेरोजगारी मुँहबायें खड़ी है ।क्षेत्र के युवाओं को रोज़गार व उदर पोषण के लिए अन्यत्र प्रदेशों में पलायन कर दर दर भटकना पड़ रहा है। यह अत्यंत दुःखद और संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों में ” समता का अधिकार ” के विरुद्ध विंध्य वासियों का सन् 1956 से लगातार शोषण किया जा रहा है।

हम क्या कर सकते हैं? —

अतः हम सब विंध्य माटी के सपूतों के साथ संविधान में ही प्रदत्त मौलिक अधिकार ” शोषण के विरुद्ध अधिकार ” के सापेक्ष शांतिपूर्ण ढंग से पृथक विंध्य प्रदेश की मांग करते हुए विंध्य वसुंधरा के हित में 01 नवम्बर को ” विंध्य पतन दिवस ” कला दिन के रूप मे याद किया जाएगा ।

हमे करना क्या है ?–

इसके लिए हम सब विंध्य वासियों को देश व प्रदेश के भीतर कोई भी जो जहाँ भी है अपने-अपने घरों और मुहल्ले में या फ़िर गांव या शहर में बताइए की उस दिन सिर्फ 01 नवम्बर को दाहिने हाथ में काला फीता बांधना है और रात को बत्ती बंद कर दीपक जलाना है। मप्र स्थापना दिवस के उत्सव में शामिल नहीं होना ही हमारा विरोध-प्रदर्शन है जिसे हर हाल में विरोध-प्रदर्शन के रूप में किया जाना चाहिए ।
इसके लिए हमें आप सभी से सहमति,सहयोग और सुझाव की अपेक्षा हैं।

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