मां बगलामुखी और महादेव की शरण में ही सनातन धर्म और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा : महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने लिया महायज्ञ में भाग।
कुरुक्षेत्र, 9 नवम्बर : धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित श्री जयराम विद्यापीठ की मुख्य यज्ञशाला में सभी सनातन धर्मावलंबियों को जगद्जननी मां जगदम्बा व महादेव की अखंड भक्ति की प्राप्ति, सद्बुद्धि की प्राप्ति, सनातन धर्म की रक्षा, सनातन धर्म के मानने वालों के घर परिवार सहित उनके अस्तित्व की रक्षा, सनातन धर्म के शत्रुओं का विनाश, सनातन वैदिक राष्ट्र का निर्माण और श्रद्धालु भक्तगणों की समस्त मनोकामना की पूर्ति हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के मार्गदर्शन व महंत राजेन्द्र पूरी के संकल्प से पांच दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ बुधवार को आरम्भ हुआ। महायज्ञ में देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद, बालयोगी ज्ञाननाथ व यति सत्यदेवानंद सहित अनेक संतो ने भाग लिया। महायज्ञ के विषय मे बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने बताया कि भक्तगणों के लिए मां बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान है जो उनकी सभी सात्विक मनोकामनाओ की पूर्ति करने में सक्षम है। सनातन धर्म में मां बगलामुखी को श्री,विजय और सद्बुद्धि की देवी माना जाता है। महादेव के साथ इनकी साधना से मनुष्य अपने हर तरह के शत्रुओं को पराजित करने योग्य बनता है और सद्बुद्धि, ऐश्वर्य, शक्ति और दीर्घायु सहित विजय को प्राप्त करता है। भगवान परशुराम इस पृथ्वी पर पहले साधक थे। जिन्होंने मां बगलामुखी और महादेव की साधना करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त की। भगवान परशुराम ने मां बगलामुखी साधना का रहस्य भगवान श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित अपने पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण व दानवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओ को बताया। महापराक्रमी इंद्रजीत, मेघनाथ सहित दशानन रावण और कुम्भकर्ण भी मां बगलामुखी और महादेव के ही उपासक थे। सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी सनातन धर्म के प्रमुख योद्धाओं ने मां बगलामुखी और महादेव की साधना व भक्ति से ही स्वयं को महान बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि आज सनातन धर्म जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है, उस संकट को आध्यात्मिक ऊर्जा के बिना समाप्त नहीं किया जा सकेगा। आज सनातन धर्म के मानने वालों को ऐसी ऊर्जा मां बगलामुखी और महादेव की साधना से ही मिल सकती है। महायज्ञ के मुख्य यजमान महंत राजेन्द्र पूरी ने कहा कि सभी हिन्दुओं को अपने हर तरह के व्यक्तिगत, जातिगत,संस्थागत, दलगत तथा राजनीतिक स्वार्थों और मतभेदों को भुलाकर महायज्ञ में सम्मिलित होना चाहिये। हम सभी को समझना ही पड़ेगा कि सनातन धर्म की रक्षा से ही मानवता की रक्षा होगी और मानवता की रक्षा से ही हम सबका अस्तित्व बचेगा। उन्होंने हरियाणा के सभी हिन्दुओ से इस महान अनुष्ठान में तन, मन और धन से साथ देने और सहयोग करने का आह्वान किया। इस अवसर पर राजकुमार पांचाल, बिल्लू, धर्मेंद्र शर्मा, मनदीप, अशोक, रवि शर्मा, विश्व हिंदू परिषद से राकेश, बलवान, डा. सुमित बजरंग दल तथा अन्य भक्तगण उपस्थित थे।
जयराम विद्यापीठ में महायज्ञ में आहुतियां देते हुए संत महापुरुष।