नोतपा के चलते महंत सुखदेवा नंद की जारी रही तपस्या

नोतपा के चलते महंत सुखदेवा नंद की जारी रही तपस्या।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
भीषण गर्मी में 21 धूणों के बीच तपस्या कर रहे सुखदेवा नंद महाराज।
हिसार : स्थानीय कैमरी रोड स्थित ज्ञानदीप सेवार्थ आश्रम के प्रांगण में आश्रम के संचालक एवं गद्दीनशीन महंत राजेश्वरा नंद महाराज के सानिध्य में विश्व कल्याण के लिए भीषण गर्मी में गुरु महाराज के आशीर्वाद से महंत सुखदेवा नंद महाराज आज रविवार श्रद्धालुओं की उपस्थिति में आश्रम के प्रांगण में
21दिनों के लिए 21धूणों के बीच समाधी लगाकर तपस्या पर बैठे है। आज वीरवार तपस्या के सातवें दिन दर्शनों के लिए उमड़े श्रद्धालु।तपस्या पर बैठने से पूर्व महंत सुखदेवा नंद महाराज व महंत राजेश्वरा नंद महाराज ने भगवान श्री गणेश जी की आराधना की,भगवान श्री गणेश जी व गुरूजी के जयघोष करते हुए कहा कि इतिहास साक्षी है कि जब-जब इस पावन धरा पर कोई महामारी या संकट आया है तब-तब परमपिता परमात्मा की आराधना पूजा अर्चना से ही बीमारी व संकट का नाश हुआ है। हमारे धार्मिक साहित्य में भी इसके अनेक वर्णन मिलते हैं। इसलिए हमें अपनी दिनचर्या को प्रारंभ करने से पूर्व सृष्टि के रचयिता का स्मरण अवश्य करना चाहिए ताकि हम हमारा देश व विश्व सुरक्षित हो सके।
उन्होंने बताया कि उनकी तपस्या का मकसद केवल राष्ट्रभक्ति जनकल्याण एवं देश प्रदेश में खुशहाली की कामना करना है ।उन्हें इस भीषण गर्मी में भी अखंड 21 धुनों की अग्नि तपस्या के बीच श्रद्धालुओं की आस्था एवं गुरु महाराज , भगवान की कृपा से शीतल हवाओं का आभास होता है,इस के अलावा महंत राजेश्वरानंद महाराज ने भजन कीर्तन भी किया।व उन्होंने बताया कि नो तपा के दौरान हमे प्रतिदिन सूर्या देव को प्रणाम करके जल अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा उपस्थित श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के भजनों का गायन किया। इसके उपरांत महंत राजेश्वरा नंद महाराज ने गुरु महाराज जी के स्वरूप के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। व गुरू महाराज को दंडवत किया।उलेखनीय रहे महंत सुखदेवा नंद महाराज 18 मई को सन्तो की विशेष उपस्थिति में आश्रम के प्रांगण में 21 दिनों के लिए धूणों के बीच समाधी लगाकर तपस्या पर बैठे है। इस मौके पर इस मौके पर चैतन्य महाराज बृजवासी, जय वीर डूडी,सुधीर गोदारा, रमेश,बंशो,सीता,रामप्यारी,शारदा,रोशनी,प्रेम,लीलो,सीमा,कृष्णा,प्रवीण जांगड़ा, राजबीर सिंह,अजीत सिंह हलवाई,जय भगवान खर्ब,के अलावा काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
चित्र परिचय : महंत सुखदेवा नंद महाराज 21 धूणों के बीच।