अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में गूँज उठा प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु मास्टर जी का सन्देश

कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी 2 दिसंबर : पिछले साल की तरह इस साल भी मास्टर जी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का अहम हिस्सा बने और विभिन्न कार्यक्रमों में आमंत्रित किए गए। मास्टर जी का पहला उद्बोधन श्री संजीव कृष्ण ठाकुर जी की श्रीमद्भागवत एवं भगवद् गीता कथा में हुआ जिसमे मास्टरजी ने भगवद्गीता का सार बिलकुल सरल रूप में समझाया। इसके अलावा गीता जयंती के शुभ अवसर पर 1 दिसंबर को मास्टर जी को वैश्विक गीता पाठ सम्मेलन के भव्य आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री, श्री नायब सिंह सैनी, स्वामी ज्ञानानंदजी, बाबा रामदेव, स्वामी संपूर्णानंद, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के प्रमुख अधिकारी पंकज कुमार (सीईओ), उपेन्दर सिंघल, विजय नारुला सहित अनेक प्रतिष्ठित संत और गणमान्य हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस महोत्सव के दौरान मास्टर जी की विशेष मुलाकात कई वरिष्ठ हस्तियों के साथ हुई जैसे स्वामी ज्ञानानंद, बाबा रामदेव, हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झींड़ा और मेक्सिको से आए योग गुरु अलेखांद्रो गौरी शंकर, जिनसे उन्होंने युवा समस्याओं के समाधान में भगवद्गीता के ज्ञान की महत्वता की चर्चा की।
इस साल मास्टर जी की टीम को ब्रह्मसरोवर में स्टाल 646 के साथ सुकन्या घाट प्रदान किया गया जहाँ कई स्टॉलों में विभिन्न खेलों द्वारा भगवद्गीता का ज्ञान सरल रूप में हज़ारों लोगों के साथ साझा किया गया और जीवन में स्थायी शान्ति और ख़ुशी पाने का मास्टर जी सन्देश साझा किया। इस साल एक विशेष लेज़र शो का आयोजन भी किया गया जिसमें भगवद्गीता का ज्ञान एक अलौकिक रूप में समझाया गया.४ दिनों तक प्रस्तुत किया गया ये शो बहुत लोकप्रिय रहा और प्रतिष्ठित स्वामी ज्ञानानंद जी ने इस लेज़र शो का उद्घाटन किया। इसके अलावा, अलेखांद्रो गौरी शंकर और स्वामी सम्पूर्णानंद जी भी लेज़र शो देखने के साथ-साथ घाट पर अन्य स्टॉलों का अवलोकन करने आए.
इसके अलावा मास्टर जी को कई कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया गया, जैसे कि एक विराट संत सम्मेलन जिसमें देश के प्रमुख संत-महात्माओं ने भाग लिया, और स्वामी ज्ञानानंद जी द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन।
मास्टर जी और उनकी टीम के प्रयास इस गीता महोत्सव में बढ़ रही आध्यात्मिक चेतना को और गहरा करती है, जहाँ वे गीता-आधारित जागृति, जीवन-दर्शन और आंतरिक शांति के संदेश को जन-जन तक पहुँचा रहे हैं। मास्टर जी समझाते हैं की “भगवद्गीता सिर्फ़ पढ़नी नहीं—समझनी है। तभी जीवन का सच्चा उद्धार होता है।” ब्रह्मसरोवर के तट स्थित स्टॉल 646 एवं सुकन्या घाट पर श्रद्धालुओं की निरंतर भीड़ उमड़ रही है, जहाँ मास्टर जी की वाणी सुनने व जीवन के गहरे प्रश्नों के उत्तर खोजने के लिए लोग उत्सुक हैं।
मास्टर जी को 2007 में आत्मबोध हुआ यानी गीता का दर्शन हुआ और 16 वर्षों तक उन्होंने अपने अनुभवों को लाखों लोगों के साथ एक-एक करके, यानी व्यक्तिगत रूप से साझा किया, बिना किसी सार्वजनिक या सोशल मीडिया मंच पर आए। उन्होंने देखा कि 10 वर्ष के बच्चे से लेकर 80 वर्ष की दादी तक, चार पीढ़ियाँ एक साथ खुश होकर झूम रही थीं। इसी अनुभव के आधार पर दिसंबर 2023 में उन्होंने अपने ज्ञान को पूरी दुनिया तक पहुँचाने का निर्णय लिया और “मास्टर जी” के नाम से सभी सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया पर आए। उन्होंने “मिशन 800 करोड़” की शुरुआत की – जिसका उद्देश्य है दुनिया के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना – और उनका नारा है: “हैप्पीनेस गैरंटीड” (खुशी की गारंटी)।
सार्वजनिक रूप से कार्य शुरू करने के बाद से उन्होंने 250 से अधिक प्रभावशाली कार्यक्रम किए हैं, जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन का कारण बने हैं।
जैसा कि मास्टर जी कहते हैं- “रोज़ की एक वाणी रखे दुखों से दूर।” मास्टर जी की प्रेरणादायक ‘वाणी’ उनके YouTube चैनल ‘MAAsterG’ पर पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध हैं।




