डाइट फरीदपुर में शिक्षा में शोध एवं नवाचार का महत्व विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का किया गया आयोजन

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) फरीदपुर में शिक्षा में शोध एवं नवाचार का महत्व विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में 150 से अधिक शोध सारांश प्राप्त हुए, जिसमें से 50 का प्रस्तुतीकरण भी हुआ।
गौरतलब है कि शासन के निर्देशों के क्रम में तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में डाइट फरीदपुर में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य तथा पूर्व परिवहन एवं संसदीय राज्यमंत्री अशोक कटारिया रहे। उद्घाटन सत्र में कटारिया ने सभी को नित्य नवाचार करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक व्यापक शब्द है। उन्होंने प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर उनके जीवन का उदाहरण देते हुए सभी को उनसे प्रेरणा लेने का संदेश भी दिया। और कहा कि भारतीय संस्कृति में किए हुए उपकार के लिए आभारी रहने की प्रथा होने के कारण ही अब तक भारतीय संस्कृति तथा मूल्य बचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही नवाचार करने की एक परंपरा रही है। बरेली कॉलेज के हिंदी विभाग में प्रोफेसर तथा सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य विशिष्ट अतिथि डॉ सुषमा गोडियाल ने कहा कि किसी भी शोध तथा नवाचार के लिए अपने मन के विचारों को खोजना चाहिए। उन्होंने नवाचार को नई शिक्षा नीति की रीढ़ बताया। बरेली कॉलेज के शिक्षा विभाग में प्रोफेसर डॉ विवेक त्रिपाठी ने विभिन्न शिक्षण विधियां का उल्लेख करते हुए नवाचार की जानकारी दी। बरेली कॉलेज के ही लाइब्रेरी साइंस के प्रोफेसर तथा विशिष्ट अतिथि डॉ योगेश शर्मा ने कहा कि बचपन से बड़े होने तक निरंतर सीखने की प्रक्रिया चलती रहती है। उन्होंने नवाचार के साथ व्यवहारिक ज्ञान पर भी जोर दिया। बरेली कॉलेज में शिक्षा विभाग में प्रोफेसर तथा विशिष्ट वक्ता डॉ विमल कुमार ने कहां कि शिक्षक के लिए कुछ भी व्यक्तिगत नहीं होता। उन्होंने नवाचारी निर्माण के लिए जाने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा जयंती के दिन नवाचार पर कार्यशाला का होना विशेष संयोग बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली में हमेशा से नवाचार होते रहे हैं। इस अवसर पर डायट प्राचार्य दीप्ति वार्ष्णेय ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को आत्म अवलोकन करके निरंतर प्रगति की राह पर बढ़ना चाहिए तथा निरंतर नवाचार करने के लिए खुद भी तथा अन्य को भी प्रेरित करना चाहिए। डाइट के वरिष्ठ प्रवक्ता तथा कार्यक्रम संयोजक मनोज कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक सोच को बनाए रखने का उल्लेख संविधान में भी है। उन्होंने युवाओं को देश का भविष्य बताया। विशिष्ट अतिथि तथा सुप्रीम कोर्ट की वकील श्रद्धा सक्सेना ने कहा कि हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग में सतर्क रहने की आवश्यकता है। कार्यक्रम आयोजक दिनेश कुमार सिंह ने नवाचार का वास्तविक अर्थ बताया तथा शोध की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सेमिनार के सह आयोजक तथा बरेली कॉलेज के प्रोफेसर डॉ जसपाल सिंह ने पर्यावरण से संबंधित विभिन्न जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजक तथा डायट प्रवक्ता आकांक्षा ने सभी का आभार व्यक्त किया। सेमिनार में पेपर प्रस्तुतीकरण में सौरभ शुक्ला प्रथम, आयुष कुमार सिंह द्वितीय तथा स्मृति रस्तोगी एवं रितेश गुप्ता तृतीय स्थान पर रहे। पोस्टर प्रस्तुतीकरण में मनजीत सिंह प्रथम, मुकेश कुमार तथा नीरज कुमार द्वितीय तथा अभिषेक गौतम, नितिन प्रदीप, दिनेश तृतीय स्थान पर रहे। इस अवसर पर बरेली कॉलेज के प्रोफेसर डाॅ राजेंद्र सिंह, प्रोफेसर डॉ गौरव भूषण, डायट प्रवक्ता श्रीकांत मिश्रा, अर्चना, महेंद्र पाल सिंह, सावित्री यादव, डॉ रूबी, सूर्य प्रताप सिंह, सौरभ मिश्रा, डाॅ नीति माहौर, राजेश कुमार, कुमारी अंशु, भावना, हिमांशु राठौर, राकेश कुमार गंगवार, पारुल, रश्मि, सैकड़ो की संख्या में अध्यापक, शोध छात्र तथा डीएलएड प्रशिक्षु उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विजय प्रतिभागियों तथा कार्यक्रम के आयोजन में सभी सहयोगियों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। मंच संचालन बरेली कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अनामिका अग्रवाल तथा शोध छात्रा अंजलि एवं आफरी ने किया।