अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस को अधिकारियों ने वृद्ध आश्रम पहुंचकर मनाया
वृद्धाश्रम में बढ़ रही बुजुर्ग पुरुषों व महिलाओ की संख्या
प्रशासन ने आज उन्हे सम्मान देकर दिलाया भरोसा
कन्नौज।। एक तरफ तरक्की की बड़ी बड़ी बातें हो रही हैं और विकास के तमाम लंबे चौड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन नैतिक रूप से कितना हमारा पतन हो रहा है। यह देखना है तो पुलिस लाइन स्थित वृद्धा श्रम में देख सकते हैं।
जब से पुलिस लाइन में वृद्धाश्रम खुला है तब से लगातार वृद्धों की संख्या बढ़ रही है। अब लगभग 60 के करीब वृद्ध यहां रह रहे हैं। यह बुजुर्ग ऐसा नहीं है कि अपने आप यहां आए हों। परिवारी जनों द्वारा, पुत्र द्वारा तो कहीं बहू द्वारा प्रताड़ित यह बुजुर्ग वृद्धाश्रम की ओर अपना रुख कर रहे हैं क्योंकि घर में रहकर रोज रोज की कलह से उनका जीवन नर्क बन गया है। बुजुर्गों की हालत यह है कि पैसे की चकाचौंध में अब कोई अपने बुजुर्ग मां बाप का ख्याल नहीं करता है। ऐसे में अपनी जवानी में बनाए गए आशियाने को छोड़कर वृद्ध आश्रम में रहने को मजबूर है।
जिला प्रशासन की ओर से लगातार उनकी देखभाल का प्रयास किया जा रहा है।
आज जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला जब सरकारी अमले के साथ वृद्धाश्रम पहुंचे और उन्होंने जिस तरह से बुजुर्ग माताओं और पुरुषों को अपनत्व दिया उससे उनकी आंखें नम हो गई। उनकी हमदर्दी ने उनका न केवल मनोबल बढ़ाया बल्कि उन्हें एहसास हुआ कि हम वृद्ध हैं बेसहारा नहीं। जिलाधिकारी ने न केवल उन्हे सम्मानित किया बल्कि उनके साथ भोजन करके उन्हें परिवार का भी एहसास दिलाया।
यहां के बुजुर्गों ने कहा कि आज हमें लगा की प्रशासन वास्तव में बेसहारों का सहारा है। जब डीएम ने महिलाओ को साड़ी और चरण पादुका भेंट की और पुरुषों को शाल दी तो एक बार फिर वह भावुक हो उठी। काश नई पीढ़ी इस बात का एहसास करती और जिन्होंने उनको सहारा लिया आज वह उनके सहारा बनते तो कितना अच्छा होता।