दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का पूजा अर्चना उपरांत किया गया आयोजन

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का पूजा अर्चना उपरांत किया गया आयोजन

फिरोजपुर 18 फरवरी [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:=

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा गौशाला श्री संत महेश मुनी बोरेवाले, सीखांवाला रोड, कोटकपूरा में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसके पंचम दिवस के पूजन में रोशन लाल सिंगला जी ने भाग लिया। साध्वी भाग्य श्री भारती जी ने बताया कि जब वह ईश्वर इस धरती पर अवतार धारण करता है तो उनकी क्रियाओ को लीला शब्द से संबोधित किया जाता है। लीला अर्थात दिव्य खेल,दिव्य क्रीड़ा। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने अवतरण काल में अनेकों ही दिव्य लीलाए की। ब्रज की कुंज गलियां,कंस के अत्याचारों से पीड़ित मथुरा भूमि, कुरूक्षेत्र का युद्ध, हर क्षेत्र में इनकी अलौकिक लीलाओ का प्रकाश जगमगाया । ये दिव्य क्रीड़ाएं तत्समय तो सप्रयोजन थी ही ,आज युगोंपरांत भी हमारे लिए प्रेरणा दीप है। साधारण प्रतीत होते हुए भी असाधारण संदेशों की वाहक हैं। एक-एक लीला में गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य संजोया व पिरोया हुआ है। जैसे ग्वालिनों की मटकी से माखन चुराकर खाना। नटखट कान्हा अपनी ग्वाल, बालों की टोली के संग किसी भी ग्वालिन के घर में चोरी छिपे प्रवेश कर जाता करते थे एवं माखन चुराते थे।
नन्दनंदन माखन चोर की यह लीला अत्यंत सांकेतिक है।यह इशारा कर रही हैै कि संसार द्वैतात्मक है। इसमें माखन रूपी सार एवं छाछ रूपी असार दोनों ही विद्यमान हैं। माखन चुराकर प्रभु यही समझा रहे हैं कि इस संसार में परम सार तत्त्व अर्थात ईश्वर का वरण करो सार हीन माया का नहीं।
इसी प्रकार कंकड़ मारकर मटकी फोड़ना, मनमोहनी बांसुरी की तान छेड़ना, इत्यादि सभी लीलाए अत्यंत प्रेरणात्मक हैं। किंतु विडम्बना है कि वर्तमान में इन कृष्ण लीलाओं के संदर्भ में अनेकों भ्रांतियां फैली हुई हैं।आज का बुद्धिजीवी वर्ग इन पारलौकिक लीलाओं को अपनी संकीर्ण लौकिक बुद्धि के तराजू में तोलने की चेष्टा कर रहा है। परिणामतः वह इन दिव्य लीलाओं पर ऊल-जुलूल प्रश्नचिन्ह लगा बैठता है! इसलिए भगवान की लीलाओ को कभी भी अपनी बुद्धि के द्वारा समझने का प्रयास न करें। क्योंकि वह ईश्वर मन बुद्धि वाणी से परे का विषय है। उसे केवल ज्ञान के द्वारा समझा जा सकता है। कथा में सरदार अजय पाल सिंह संधू (हलका इंचार्ज कोटकपूरा कांग्रेस पार्टी), इंजीनियर इंद्रजीत सिंह नियामीवाला (सीनियर लीडर आप),डॉ दानिश जिंदल, बिट्टू नरूला, डॉ सोनू गर्ग, अशोक मित्तल (संगम पैलेस) ने ज्योति प्रज्वलित की रस्म को अदा किया। इस अवसर पर स्वामी परमानंद जी नूरमहल आश्रम से विशेष रूप से उपस्थित रहे। कथा का समापन प्रभु की पावन पुनीत आरती से किया गया। जिसमें भूपिंदर सिंह सग्गू (प्रधान नगर कौंसिल कोटकपूरा), ज्ञानचंद जायसवाल (रिटायर्ड डीआईजी) हरिदेव अर्जुन शर्मा (प्रांत सह संयोजक धर्म जागरण), एडवोकेट गगनदीप सुखीजा (जिला प्रधान भाजपा), एडवोकेट भूषण बंसल (जिला उपप्रधान भाजपा), विजय शर्मा (प्रधान ब्राह्मण सभा कोटकपूरा), डॉ सुरजीत सिंह मल्ल, डॉ हरदीप कौर, डॉ जसविंदर गर्ग, सरगम गर्ग, सतीश ग्रोवर, उमा ग्रोवर, विनोद मुखीजा, राकेश शर्मा, अनिल सिंगला, मनीष बंसल, बिन्नी कटारिया एवं गगन सेठी ने भाग लिया।पहुंचे हुए श्रद्धालुओं को छप्पन भोग का प्रसाद वितरित किया गया एवं लंगर का प्रबंध भी किया गया।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड: सीएम धामी ने किए स्पतेश्वर महादेव के दर्शन,

Sat Feb 18 , 2023
स्लग- मुख्यमंत्री ने किए सप्तेश्वर महादेव के दर्शनस्थान- चंपावतरिपोर्ट- एंकर/विजुअल- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज अपनी विधानसभा चंपावत के एक दिवसीय दौरे पर जनपद के नरीयाल गांव में सपती नदी के किनारे स्थित सप्त ऋषियों की तपोस्थली रहे सुप्रसिद्ध सप्तेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे जहां उपस्थित मंदिर समिति के सदस्यों एवं […]

You May Like

Breaking News

advertisement