सावन के दो महीने चले पार्थिव शिवलिंग अभिषेक अनुष्ठान का श्री मारकंडेश्वर मंदिर में हुआ समापन।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक से मानव कल्याण, रोगों व भय से मुक्ति के साथ मिलता है मोक्ष : महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 27 अगस्त : मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में भगवान भोलेनाथ के प्रिय पूरे सावन के दो महीने चले पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक अनुष्ठान का अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य संतों के सान्निध्य में विधिवत समापन हुआ।
रविवार को सावन पार्थिव शिवलिंग अनुष्ठान के अंतिम दिन पानीपत से बृजपाल राणा, सोनू नांदल, सुरेश कालड़ा, अमित दानीजा, सुमित जसूजा, सूरज खन्ना, अमित खन्ना, अनु, रसीद, अक्षय, प्रेरित, काकू डांगी इत्यादि ने विधिवत मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन एवं अभिषेक किया। समापन उपरांत आरती कर मारकंडा नदी में विसर्जन किया। इस के उपरांत विशाल भंडारा दिया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि शिव आराधना के लिए सावन सबसे उत्तम और विशेष रूप से फलदायी माना जाता हैं। पावन पार्थिव शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर मोक्ष के अधिकारी बनते हैं। इस अवसर स्वामी संतोषानंद, स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी सीताराम, बिल्लू पुजारी, भाना राम, गुरशाईन, गुरफ़तेह, हरनेक सिंह, अनार कली, अक्षित सैनी, ओजस्वी सैनी, रश्मि सैनी, पायल, संजना, मानव, मयंक, छवि, जागृत, नीरज, पूनम शर्मा, शीतल, स्नेहा, संजीव कुमार, पूनम तलवाड़, संतोष सैनी, संजू, नेहा, मीना, रोहित, रमन, प्रकाशो, राममूर्ति, शांता, व अनु इत्यादि भी मौजूद रहे।
पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक करते हुए तथा विसर्जन के लिए जाते हुए।