पेटेंट का उद्देश्य नवाचार और नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देनाः डॉ. मेहता।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुवि में आईपीआर और पेटेंट फाइलिंग पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
कुरुक्षेत्र, 1 अक्टूबर : विकास कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन अनुसंधान द्वारां शनिवार को विज्ञान संकाय, जीवन संकाय, साईंस फैकल्टी, फार्मास्यूटिकल साईंस फैकल्टी तथा विज्ञान/इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी फैकल्टी के लिए आईपीआर और पेटेंट फाइलिंग पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के योग्य कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्ग दर्शन में किया गया। जिसमें आईपीआर के आनरेरी प्रोफेसर और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और प्रबंध संस्थापक डॉ. रमेश कुमार मेहता मुख्य वक्ता थे।
डॉ. रमेश कुमार मेहता ने पेटेंट अनुसंधान और इसकी कुंजी के बारे में चर्चा की। उन्होंने इसके उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि पहले से प्रकाशित शोध का केवल पेटेंट कराया जा सकता है। इसका उद्देश्य नवाचार और नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो ये समझने की ज़रूरत है कि पेटेंट एक अधिकार है जो उस व्यक्ति या संस्था को किसी बिल्कुल नई सेवा, प्रक्रिया, उत्पाद या डिज़ाइन के लिए प्रदान की जा सकती है ताकि कोई उनकी नक़ल नहीं तैयार कर सके।
डॉ. मेहता ने इस साल नवंबर के महीने में एक सप्ताह के लिए परिसर में रहने की पेशकश की और अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए युवा शोधकर्ताओं को प्रेरित किया। उन्होंने डीन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रो. पवन शर्मा को सलाह दी कि वो भविष्य में गैर-विज्ञान संकायों के विभागों के लिए ऐसी कार्यशाला आयोजित करें ताकि वो भी अनुसंधान तथा पेटेंट दाखिल करने के लिए सक्रिय रूप से भागीदारी करें।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने इस कार्यशाला में अपने अध्यक्षीय भाषण में युवा संकाय सदस्यों को कहा कि वो ज्यादा से ज्यादा शोध/अनुसंधान में भागीदारी करें और पेंटेट दाखिल करें। हमारी योजना इस साल दिसंबर 2022 तक अधिक से अधिक पेटेंट दर्ज करने की है। विश्वविद्यालय द्वारा पेटेंट फाइल करने हेतु एक आनरेरी प्रोफेसर पेटेंट नियुक्त किया गया है। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए व शोध को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए कटिबद्ध है। शिक्षकों को बेहतर शोध कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि शोध के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भी देश-विदेश के बेहतर विश्वविद्यालयों के साथ शोध की गुणवत्ता के सभी मापदंडों पर खरा उतर सके।
इस कार्यशाला में कई संकाय सदस्य चर्चा में शामिल थे और और पेटेंट फाइल करने की इच्छा व्यक्त की। डॉ सुरेश कुमार, रसायन विज्ञान विभाग, ने मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता और अन्य को धन्यवाद दिया।
इस कार्यशाला में डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजुला चौधरी, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने भी अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यशाला में प्रोफेसर डीन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रो. पवन शर्मा, एस पी सिंह, प्रोफेसर एमेरिटस, प्रो. स्मिता चौधरी, प्रो. जितेंदर शर्मा, प्रो. अनिल वोहरा, विभिन्न अन्य डीन, निदेशक, अध्यक्ष तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य उपस्थित थे।