हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र 10 जनवरी : आज बृहस्पतिवार को पौष अमावस्य है जो पितरो को बहुत प्रिय मानी गई है क्योंकि ये अमावस्या पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है। बस इस दिन कुछ विशेष कार्य जरुर करें, ये जीवन में खुशियां लाएगा। गायत्री ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र के संचालक डॉ. रामराज कौशिक ने बताया कि वैसे तो हर महीने की अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है लेकिन चूंकि पौष का महीना और अमावस्या दोनों ही पितरों को समर्पित है, ऐसे में पौष अमावस्या का महत्व दोगुना हो जाता है।
मान्यता है कि पौष अमावस्या पर कुछ विशेष कार्य करने से पितरों यमलोक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और वह स्वर्ग को प्राप्त होते हैं. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पौष अमावस्या का स्नान-दान का शुभ मुहूर्त।
पौष अमावस्या तिथि का आरंभ- 10 जनवरी को रात 8 बजकर 01 मिनट से शुरू।
अमावस्या तिथि समापन- 11 जनवरी को शाम 5 बजकर 26 मिनट तक।
स्नान-दान मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 57 मिनट से सुबह 06 बजकर 21 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक।
पौष अमावस्या पर करें ये 4 काम।
पितृ श्राद्ध – पितरों का श्राद्ध करने के लिए सुबह 11.30 से दोपहर 1 बजे तक के बीच का समय उत्तम माना जाता है. मान्यता है अमावस्या पर दोपहर के समय पितर अपने वंशज के बीच आकर उनसे जल-अन्न प्राप्ति की उम्मीद रखते हैं. ऐसे में इस समय किया गया श्राद्ध सात पीढ़ियों के पूर्वजों को तृप्त करता है. पूर्वज मोक्ष को प्राप्त होते हैं।
दान से पितृ दोष से मुक्ति – सुपात्र को दिया गया दान व्यक्ति को यश, सफलता और सौभाग्य के साथ अमोघ फल प्रदान करता है. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पौष अमावस्या पर अन्न, चावल, दूध, घी, कंबल, धन का दान करें. कहते हैं पितृ दोष से जीवन संकटों से घिर रहता है लेकिन अमावस्या पर किया श्राद्ध कर्म इससे मुक्ति दिलाता है. वंश में वृद्धि होती है। इस दिन गरीबो में गर्म वस्त्र चाय नमकीन बाँटे और अंधे और कुष्ठ रोगियों को राशन रेवड़ी मूंगफली का दान करें.। चाय ब्रेड का भंडारा लगाएं आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी।
पीपल की पूजा- कई बार पितृ दोष या फिर पूवर्जों की नाराजगी के कारण परिवार की तरक्की रूक जाती है, मांगलिक कार्य में बाधाएं आने लगती है. शादी विवाह में देरी होने लगती है ऐसे में पौष अमावस्या पर पीपल को जल में दूध, चावल, काले तिल मिलाकर सीचें. शाम को पीपल के नीचे तेल का दीपक लगाएं. इससे जीवन का अंधकार समाप्त होता है. शनि भी प्रसन्न होते है और पूर्वजों के आशीर्वाद से परिवार उन्नति करता है.
स्नान – पौष अमावस्या पर गंगा नदी या घर में ही गंगाजल डालकर स्नान करें या अपने आसपास कोई पवित्र नदी या तालाब में स्नान करने से कई रोगों से और कर्ज से छुटकारा मिलता है और इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है. पूर्वजों के निमित्त तर्पण करें जिससे पितृ तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं।