“हास्य व्यंग्य और श्रृंगार के साथ बही सभी रसों की धारा”
“मलखंभ प्रदर्शन और सांस्कृतिक संध्या में विविध प्रस्तुति रहे आकर्षण के केंद्र”
जांजगीर:- अंतर्राष्ट्रीय विराट सूर्यांश शिक्षा महामहोत्सव का भव्य शुभारंभ 24 दिसंबर 2023 को हुआ। शाम को आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविता से श्रोताओं को मोहित कर हंसने के लिए लोटपोट कर खूब मनोरंजन कराया। तिरोड़ी मध्य प्रदेश से आए हुए हास्य व्यंग्य से सशक्त हस्ताक्षर दिनेश देहाती ने दर्शकों को खूब हंसाया। अपनी चुटीले व्यंग्य एवं हास्य कविताओं के माध्यम से दर्शकों को गंभीर विषयों पर भी हंसते-हंसते विचार करने के लिए विवश कर दिया। महाराष्ट्र के नागपुर से आई श्रृंगार रस की कवियत्री सरिता सरोज ने अपने सुमधुर आवाज से खूबसूरत गजलों और गीत की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रथम दौर में पढ़े गए कविताओं से श्रोताओं ने विशेष आनंद प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ के रसखान कहे जाने वाले कई मीर अली मीर ने अपने चिर परिचित अंदाज में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सभ्यता को रेखांकित करने वाले कविताओं का पाठ मंच से किया। दर्शकों और श्रोताओं के मांग पर उन्होंने अपना चिर परिचित स्वर में अपने लोकप्रिय गीत "नंदा जाही का रे ..,नंदा जाही का रे" का प्रस्तुतीकरण किया।
हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर कृष्णा भारती ने अपने चुटीले और धारदार व्यंग्य के द्वारा श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को अपनी कविता में स्थान देकर छत्तीसगढ़ी बोली भाषा का संरक्षण करने वाले मिलन मलरिहा ने सुमधुर छत्तीसगढ़ी गीतों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। जांजगीर के वरिष्ठ गीत कर भैया लाल नागवंशी ने अपने मुक्तकों के द्वारा समां बांध दिया। उनके द्वारा छत्तीसगढ़ी में प्रस्तुत किए गए गीतों को दर्शकों ने खूब स्नेह दिया। युवा कवि उमाकांत टैगोर ने अपने सुमधुर आवाज में गीतों के द्वारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सरगुजा के बतौली से पधारे हुए प्रो. गोवर्धन सूर्यवंशी ने अपनी सजलों के द्वारा दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। दुर्ग से पधारे हुए वीर रस के कवि डॉ. यशवंत सूर्यवंशी 'यश' ने अपनी ओज की कविताओं से श्रोताओं में एक नया जोश एवं उल्लास भर दिया। इसी तरह खम्हन लाल सरवन ने अपनी कविता के माध्यम से समाज में हो रहे विसंगतियों का सूक्ष्मता से चित्रण किया।
अक्षर साहित्य परिषद चांपा के अध्यक्ष राम नारायण प्रधान ने पर्यावरण प्रदूषण से हो रहे चिंता को गीत के माध्यम से व्यक्त करते हुए गौरैया की निरंतर कम होती संख्या पर श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट किया। सुमधुर गीतकार डॉ. लक्ष्मी करियारे ने माता-पिता के ऊपर अपनी कविता से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कोरबा से पधारे हुए डॉ. सूरज श्रीवास ने मधुर गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन राष्ट्रीय कवि संगम के जिला इकाई जांजगीर के अध्यक्ष सुरेश पैगवार ने किया। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में अपना स्नेह देने के लिए छत्तीसगढ़ के लोक गायक एवं मस्तूरी के विधायक दिलीप लहरिया ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए छत्तीसगढ़ी संस्कृति की विशेषताओं को अपने गीतों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
इससे पहले सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव का भव्य शुभारंभ प्रदेश भर से शिक्षा का संदेश लेकर शोभायात्रा के रूप में विशाल जन समूह के स्वागत और अभिनन्दन एवं सूर्यांश ध्वज पूजन और ध्वजा आरोहण से सूर्यांश शिक्षा महमहोत्सव का औपचारिक शुभारंभ हुआ जिसके मुख्य अतिथि नेशनल हाईवे अथॉरिटी बैंगलोर के सेवानिवृत्ति निदेशक रामकुमार सूर्यवंशी थे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंच में ए.आर. सूर्यवंशी, राम लखन खरे कुल सचिव महात्मा गांधी राष्ट्रीय उद्यानिकी विश्वविद्यालय दुर्ग, रमेश पैगवार, एल.आर. सूर्यवंशी, आर.एल. सूर्यवंशी. डॉ. जयपाल सिंह, तिलकेश प्रसाद भावे, ताराचंद रत्नाकर, विजय खरे, रोशन परिहार एवं रश्मि सिंह मंचासीन थे। सांस्कृतिक महामंच पर विभिन्न विधाओं के रंगारंग कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसमें "सिने स्टार म्युजिकल बैंड" द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति एवं साक्षरता गीतों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। जिला मलखंभ के कोच पुष्कर दिनकर के मार्गदर्शन में खिलाड़ियों ने मलखंभ पर अपनी शानदार प्रदर्शनकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए हरदेेव टंडन ने बताया कि काव्य पाठ के बाद कवियों का मुख्य अतिथि दिलीप लहरिया विधायक मस्तूरी के द्वारा शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। इस वर्ष महामहोत्सव स्थल के सौंदर्यीकरण ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कविता का आनंद उठाने के लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रमेश पैगवार सुखराम गरेवाल, मोहरसाय खरसन, रमेश दास खड्ग, आचार्य शिव प्रधान, संजय पैगवार, देेव कुमार सूर्यवंशी, शुक्ला प्रसाद सूर्यवंशी, मुरीत राम पैगवार, कार्तिक सूर्यवंशी, संजय फर्वे, फिरत किरण, रामायण सूर्यवंशी, हेमलता करियारे, प्रतिभा प्रधान, प्रेमलता रत्नाकर, उषा बनवा, विनोद मंजारे, सरयू प्रसाद लसेर, गुलशन सूर्यवंशी, कार्तिक सूर्यवंशी, रमेश सूर्यवंशी सहित बड़ी संख्या में सूर्यांश साधक उपस्थित रहे