रिपोर्ट पदमाकर पाठक
सोमवार को मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस।
गर्भवती को निःशुल्क जांच और इलाज की दी गई सुविधा।
आजमगढ़। 11 अक्टूबर 2022
जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) 4389 जांच और अन्य जांचें की गईं। इनमें से 124 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) चिन्हित की गईं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन हर महीने की नौ तारीख को किया जाता है। इस बार रविवार होने के कारण सोमवार को मनाया गया। मुख्य रूप से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से इस दिवस का आयोजन किया जाता है। डॉ तिवारी ने बताया इसमें गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की गई और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली (एचआरपी) महिलाएं चिन्हित की गईं। कोई भी गर्भवती अपने प्रसव तक हर महीने की नौ तारीख को अपने घर के पास नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क जांच और इलाज करा सकती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए जिले के किसी भी अस्पताल में पंजीकरण करा सकती हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/कार्यक्रम के नोडल डॉ संजय कुमार ने कहा कि गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केवल शहर ही नहीं बल्कि गांव में भी हर सुविधायें दी जा रही हैं। इस योजना का लाभ गर्भावस्था से लेकर प्रसव पश्चात जच्चा – बच्चा की स्वास्थ्य व सुरक्षा तक के लिए दी जा रही है। इस दिन हर गर्भवती की पांच जांच- ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड निःशुल्क किया जाता है। उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें उच्च चिकित्सा हेतु केन्द्रों पर रेफर किया जाता है। जिला परामर्शदाता दिनेश कुमार ने बताया कि हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती की निःशुल्क एएनसी जांच व नि:शुल्क सुविधा दी जाती है जैसे – मधुमेह का स्तर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड से साथ गर्भवती के खतरे के लक्षण जैसे – गर्भवस्था के दौरान तेज बुखार, त्वचा का पीलापन, हाथ, पैरों व चेहरे पर सूजन, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, तेज सरदर्द व धुंधला दिखना, योनि से रक्तश्राव होना इत्यादि। यदि कोई भी जोखिम वाली स्थिति की संभावना हो तो उससे बचने के लिए समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। जच्चा व बच्चा की जान को समय रहते बचाया जा सके। उन्होने बताया कि जिले में गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) 4389 जांच व अन्य जांचें की गई, जिनमें से 124 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) चिन्हित की गई। कोयलसा ब्लॉक से लाभार्थी 23 वर्षीय बीना ने कहा कि मेरी दूसरी प्रेग्नेंसी की जांच हुई है, मेरा 54 किलो वजन है। डॉक्टर ने खाने पर ध्यान देने के लिए कहा है। हरी सब्जी, दूध, फल का सेवन ज्यादा करना है। मेरी तीसरे महीने की सारी जांच व दवा नि:शुल्क दी गई। कोयलसा से ही 26 वर्षीय नीलम ने कहा कि मेरी पहली प्रेग्नेंसी की पांचवा महीना चल रहा है। डॉक्टर ने हमें साबूत अनाज, दाल, चुकंदर और पालक का सेवन करने के लिए कहा है| जांच के साथ नि:शुल्क दवाएं भी मिली हैं। घर के पास ही जांच हो जाने से हर महीने आती हूँ।