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डेरा सच्चा सौदा के सत्संग कार्यक्रम में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र व आस पास के लाखों लोग पहुंचे सत्संग कार्यक्रम में।
संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने नशे को बताया देश के लिए गंभीर समस्या।
कहा नशा छुड़ाने के लिए बदलनी होगी लोगों की सोच।
कुरुक्षेत्र, 21 अक्तूबर : ब्रह्मसरोवर के मेला ग्राऊंड में शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा के सत्संग कार्यक्रम में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। कुरुक्षेत्र व आस-पास के लाखों लोगों ने जहां सत्संग का अमृत पान ग्रहण किया वहीं हजारों लोगों ने नाम दीक्षा लेकर नशे व अन्य बुराईयों को तौबा कहा। डेरा सच्चा सौदा के संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शुक्रवार को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा उत्तर प्रदेश से ऑनलाइन गुरूकुल के माध्यम से देश व विदेशों में बैठी साध-संगत को अपने रूहानी अमृतमयी वचनों से लाभान्वित किया। कुरुक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में साध-संगत पूज्य गुरु जी के दर्शन कर खुशियों से सरोबार हुई।
डेरा सच्चा सौदा के संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने कोई-कोई जाने कैसा नशा है नाम का… भजन के अंतरे पर व्याख्या करते हुए देश में बढ़ते नशे पर चिंता व्यक्त की। उन्होने कहा कि संसार में नशे की बाढ़ आई हुई है। हमारे देश की बात कर लिजिए, बहुत जगहों पर, बहुत तरह के नशे परिवारोंं को बर्बाद कर रहे है। नशे से देश की जवानी, देश का बचपन बर्बाद होता जा रहा है और यह नशा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। बहुत सारी जिंदगियां नशा बर्बाद कर चुका है तथा बहुत जिंदगियों को खत्म करने की कगार की तरफ ले जा रहा है। पुराने समय का जिक्र करते हुए कहा कि पहले एक हल्के पीले और लाल रंग की बेल हुआ करती थी, जिसके शायद अलग-अलग नाम हो, जिसे अंबर बेल भी कहते थे। यह बेल जिस पेड़ पर गिर जाती थी, उसको बर्बाद कर देती थी। आज उसी तरह नशा हमारे समाज के ऊपर गिरा हुआ है, गिरफ्त में ले रखा है नशे ने और इससे हमारा समाज खोखला होता जा रहा है।
दुनिया की नंबर वन संस्कृति हो रही बर्बाद।
डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने कहा कि हमारी संस्कृति जो दुनिया की नंबर एक संस्कृति है, वो भी बर्बाद होती जा रही है। ऐसे में नशे को रोकना बहुत जरूरी है। सत्संग में पहुंचे जनप्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि अपने क्षेत्र के नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करें व युवा वर्ग को नशे के चंगुल से बचाने का काम करें। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अगर आप सफल होना चाहते है कि हमारे परिवार में नौजवान बेटे, पौते, पौतियां जो भी नशा करने वाला है परिवार में उसकी जिंदगी बचाना चाहते है तो यह बेहद जरूरी है, उनमें आत्मबल लाओ और आत्मबल की दवा राम-नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, परमात्मा का नाम है। जोकि एक दम असर करती है। आज के समय के हिसाब से मालिक का नाम बहुत जरूरी है।
ढोल की थाप पर सत्संग पंड़ाल तक पहुंचे श्रद्धालु।
हालांकि सत्संग मिलने की सूचना चंद रोज पहले ही श्रद्धालुओं को मिली थी बावजूद इसके लांखों की संख्या में साध संगत ढोल की थाप पर नाचते हुए सत्संग पंडाल तक पहुंची। साध संगत में अपने गुरु के दर्श दीदार के लिए भारी जोश देखा जा रहा था। जगह-जगह ढोल की थाप पर महिला, पुरुष व बच्चे नाचते हुए दिखाई दे रहे थे।
सेवादारों ने संभाले रखा व्यवस्था का जिम्मा, चंद मिनटों में चखा श्रद्धालुओं ने लंगर।
हालांकि सत्संग का समय 12 बजे से था लेकिन सुबह से ही साध संगत सत्संग पंडाल मे आना शुरु हो गई। पार्किंग में वाहन लगाने, सड़कों पर रास्ता बनाने तक सत्संग की सभी व्यवस्थाओं का जिम्मा सेवादारों द्वारा स्वयं संभाला गया था। चंद मिनटों में ही लाखों की संख्या में आई साध संगत को लंगर प्रशाद बांट दिया गया।
पवित्र ब्रह्मसरोवर की करी प्रशंसा।
सत्संग के दौरान जब सेवादारों द्वारा बताया गया कि कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के मेला ग्राऊंड में सत्संग का आयोजन किया गया है तो संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कुरुक्षेत्र की प्रशंसा की और कहा कि ब्रह्मसरोवर के नाम से ही सुख की अनुभूति होती है। जोकि ब्रह्मा जी के नाम से बना है। वैसे भी कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के नजदीक आज श्रद्धालुओं का सरोवर नजर आ रहा है।