Satna MP /मंत्री प्रतिमा बागरी की विधानसभा में पोस्टमार्टम के लिए, चारपाई से पहुंचा शव

स्टेट हेड /राहुल कुशवाहा मध्य प्रदेश,,8889284934
रैगांव ने दो मंत्री दिए, लेकिन वे सड़क नहीं दे पाए
सतना-(रैगांव) यूं तो कहने को भाजपा का अमृतकाल चल रहा है। आखिर यह कैसा अमृतकाल जहां लोग आज भी सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हों, जहां आज भी लोगों को चारपाई का सहारा लेना पड़े, जहां ट्रॉली में रखकर मासूम बच्चों को मंत्री जी की मौजूदगी में ही शव को ले जाना पड़े, आखिरी एक ऐसा विकसित भारत यह कैसे अच्छे दिन जहाज भी आजादी के 77 साल बाद भी एक सड़क तक नहीं हम बात कर रहे हैं रैगाव विधानसभा अंतर्गत आने वाले पुरवा (उसरहाई ) गांव की।
जहां से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है जिसमें नाबालिक मृतक आशिकी कॉल का शव पीएम करवाने के लिए ग्रामीणों को चारपाई का सहारा लेना पड़ गया, जिसकी तस्वीर सामने आते ही देश की आजादी में अपना सर्वोच्च निछावर करने वाले महापुरुषों की आत्माएं बड़ा दुख प्रकट कर रही होगी।
उन्हें इतनी पीड़ा हो रही होगी कि जिस स्वर्ण भारत का सपना हमने देखा था, आजादी मिलने के बाद नेताओं ने जमीदोज कर दिया है। आज वर्तमान का परिदृश्य है कि नेता स्मार्ट हो चुके हैं लेकिन गांव आज भी दलदल से भरी सड़के, जले ट्रांसफार्मर,खंडहर स्कूलों जिनमें जान जोखिम में डालकर पढ़ता देश का भविष्य जिस विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री स्वर्गीय जुगल किशोर बागरी और वर्तमान राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी जैसे नेता प्रचंड बहुमत से जीत कर आए हो उस क्षेत्र को लोग चारपाई पर शव ले जाने को मजबूर है ।
क्या यदि इसी तरह की घटना किसी विधायक या मंत्री के घर हुई होती तो क्या इसी तरह का नजारा देखने को मिलता शायद नहीं।
जिस जनता जनार्दन की वोटो से मंत्री बनकर राजसी ठाठ बाठ व सुख सुविधाओं का आनंद उठा रहे है वही जनता आज सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से आज भी जूझ रही है। यह मंजर देखकर ऐसा लग रहा है कि हमारा भारत देश ही आज चारपाई पर आ गया है।
आखिर क्या था मामला जिले के कोठी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरवा गांव के उसरहाई आदिवासी बस्ती में एक नाबालिक युवक आशिकी कोल की कुएँ में डूबने से मौत हो गई थी। लेकिन बस्ती तक वाहन न पहुंचने के कारण परिजन चारपाई पर युवक को पीएम के लिए ले जाने के लिए मजबूर हो गए और करीब 1 किलोमीटर का रास्ता तय किया जिसके बाद थाना प्रभारी कोठी गिरजा शंकर बाजपेई, जनपद सदस्य प्रतिनिधि धीरेन्द्र सिंह, ग्राम पंचायत पुरवा के सरपंच पवन सिंह मोनू के सहयोग से डायल 100 में शव रखकर कोठी लाया गया था।
इस मंजर को देखकर एक शायर की कुछ लाइन याद आई है-
मुहब्बत भाईचारे के दिवाने दिन ही लौटा दो , वो सस्ती दाल सब्ज़ी के सुहाने दिन ही लौटा दो ! ये अच्छे दिन तो अम्बानी अडानी को मुबारक हों , हमें पैसा करो साहब पुराने दिन ही लौटा दो ! !