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मृत्य से 20 दिन बाद दुबई से भारत पहुंचा सतनाम सिंह का पार्थिव शव

सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट की मुफ्त एंबुलेंस सेवा द्वारा हवाई अड्डे से घर भेजा गया शव

(पंजाब) फिरोजपुर, 13 जुलाई {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}-

बिना किसी से एक भी रुपया इकठ्ठा करके अपनी नेक कमाई में से प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए दान के तौर पर खर्च करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के सरपरस्त डॉ.एस.पी सिंह ओबरॉय के सहयोग से लुधियाना जिले के समराला के साथ सबंधित 51 वर्षीय सतनाम सिंह पुत्र अमरजीत सिंह का पार्थिव शव गत रात दुबई से श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर में पहुंचा। इस सबंध में जानकारी देते हुए डॉ. एस.पी सिंह ओबरॉय ने बताया कि सतनाम सिंह भी अन्य युवाओं की तरह अपने परिवार के अच्छे भविष्य के लिए करीब पिछले 11 वर्षों से दुबई में मेहनत मजदूरी कर रहा था। उन्होंने बताया कि परिवार के बताने अनुसार गत 22 जून को काम करते समय सतनाम सिंह पौड़ी से नीचे गिर गया और कुछ समय बाद ही दिल का दौरा पढ़ने के कारण उसकी मृत्य हो गई थी। इस मंदभागी घटना के बाद पीड़ित परिवार ने ट्रस्ट के स्वास्थ सेवाओं डॉयरेक्टर दलजीत सिंह गिल के माध्यम से संपर्क करके सतनाम सिंह का पार्थिव शव भारत भेजने के लिए कहा, जिस पर उन्होंने अपनी टीम के माध्यम से जरूरी कागजी कार्रवाई मुकम्मल करवाने में मदद करके जहां सतनाम सिंह का शव भारत भेजा, वहां ही गत रात अमृतसर हवाई अड्डे से पार्थिव शव पीड़ित परिवार की उपस्थिति में ट्रस्ट के पंजाब अध्य्क्ष सुखजिंदर सिंह हेर, जिलाध्यक्ष शिशपाल सिंह लाडी, महासचिव मनप्रीत सिंह चमियारी की तरफ से प्राप्त करके ट्रस्ट की ही मुफ्त एंबुलेंस सेवा द्वारा उसके घर तक भेजा गया। उन्होंने बताया कि सतनाम सिंह का पार्थिव शव भेजने पर आया खर्च उसकी काम करने वाली कंपनी द्वारा किया गया है, जबकि ट्रस्ट द्वारा जल्द ही परिवार की आर्थिक हालात अनुसार सतनाम सिंह की पत्नी को मासिक पेंशन दी जाएगी।

गौरतलब है कि डॉ. ओबरॉय की सरपरस्ती तले अब तक 417 के करीब बदनसीब युवाओं के पार्थिव शव उनके परिजनों तक पहुंचाए जा चुके हैं और पिछले कुछ समय से हवाई अड्डा अमृतसर से पार्थिव शवों को घरों तक पहुंचाने के लिए मुफ्त एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई है।

इस दौरान हवाई अड्डे पर मौजूद सतनाम सिंह के बुजुर्ग पिता अमरजीत सिंह, पत्नी राजदीप कौर, मौसा मनजीत सिंह, भांजा सिमरनजीत सिंह और भांजी सतिंदर कौर अन्य ने डॉ. एस.पी सिंह ओबरॉय का इस कठिन घड़ी में बड़ी मदद करने के लिए आभार व्यक्त किया।

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