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कड़ाके की में ठंड बुजुर्ग को देखकर जिलाधिकारी हुए भावुक बुजुर्ग को भेजवाया रैन बसेरा

आज़मगढ़। जिलाधिकारी ने कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच संवेदनशीलता उस वक्त देखने को मिली जब जिलाधिकारी रविंद्र कुमार शुक्रवार देर रात खुद सड़कों पर उतर गये। बस स्टैंड, रेलवे परिसर और रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करते हुए उन्होंने न केवल व्यवस्थाओं की हकीकत परखी, बल्कि ठंड से जूझ रहे निराश्रितों के दर्द को भी करीब से महसूस किया।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने शुक्रवार की रात रोडवेज बस स्टेशन, रेलवे परिसर, सिविल लाइन रिक्शा स्टैंड सहित विभिन्न रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था, यात्रियों और निराश्रितों के ठहरने की सुविधा तथा ठंड से बचाव की व्यवस्थाओं का गहन जायजा लिया। डीएम ने कहा किया कि ठंड से बचाव को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।रोडवेज परिसर में निरीक्षण के दौरान एक अलाव के पास गमछे से अपने कान ढककर लकड़ी ताप रहे बुजुर्ग को देखकर जिलाधिकारी वहीं रुक गए। डीएम जमीन पर बैठकर बुजुर्ग से संवाद स्थापित करने लगे। बातचीत में बुजुर्ग ने बताया कि वह मजदूरी कर किसी तरह अपना पेट पालता है और पूरी रात इसी तरह खुले में गुजार देता है। उसने यह भी बताया कि कई बार खाने के लिए पैसे तक नहीं होते।
बुजुर्ग की पीड़ा सुनते ही जिलाधिकारी ने तत्काल उसे कंबल दिया। जैसे ही कंबल मिला, बुजुर्ग की आंखें भर आईं और भावुक होकर उसने भगवान राम का जयघोष किया। यह दृश्य वहां मौजूद लोगों को भी भावुक कर गया।
इसके साथ ही डीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बुजुर्ग को तुरंत रैन बसेरा भेजकर सुरक्षित ठहराया जाए, ताकि उसे ठंड से राहत मिल सके।डीएम ने सिविल लाइन रिक्शा स्टैंड स्थित रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया और स्पष्ट निर्देश दिया कि आधार कार्ड न होने की स्थिति में भी किसी निराश्रित को रुकने से न रोका जाए। उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर हर जरूरतमंद को आश्रय दिया जाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि जिले में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था के लिए एक माह पूर्व ही धनराशि जारी कर दी गई है। इसके बावजूद यदि कहीं अलाव या रैन बसेरा की व्यवस्था में कमी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देश दिया कि वे रात में स्वयं फील्ड में उतरकर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौराहों और रैन बसेरों का निरीक्षण करें। डीएम ने चेतावनी दी कि ठंड से बचाव की व्यवस्थाओं में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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