प्रेरणा वृद्धाश्रम में हो रही है बुजुर्गों की वास्तव में निस्वार्थ भाव से सेवा एवं देखभाल : नरेंद्र जोशी

प्रेरणा वृद्धाश्रम में हो रही है बुजुर्गों की वास्तव में निस्वार्थ भाव से सेवा एवं देखभाल : नरेंद्र जोशी।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
 
देश विदेश में देखे हैं अनेकों वृद्धाश्रम, समाज में बुजुर्गों की उपेक्षा से होता है बहुत दुःख : नरेंद्र जोशी।
प्रेरणा वृद्धाश्रम के संचालक डा. जय भगवान सिंगला के बचपन के दोस्त अमेरिका के व्यवसायी नरेंद्र जोशी बुजुर्गों के बीच ऐसे रहे मानो कोई अपना आया हो।

कुरुक्षेत्र, 9 दिसम्बर : वर्षों पहले धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से जाकर अमेरिका में अपना सफल व्यवसाय स्थापित करने वाले अप्रवासी भारतीय नरेंद्र जोशी कुरुक्षेत्र के प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों से मिलने पहुंचे। अपनों से ठुकराए एवं घरों से निकाले गए विभिन्न राज्यों के वृद्ध  अप्रवासी भारतीय नरेंद्र जोशी का सम्मान एवं प्रेम देख कर इतनी आत्मीयता से मिले मानों उनका अपना बेटा मिलने को आया हो। इस मौके पर नरेंद्र जोशी ने भी भारतीय संस्कृति में वृद्धाश्रमों का होना दुःखद बताया। इससे पहले प्रेरणा वृद्धाश्रम में पहुंचने पर नरेंद्र जोशी का प्रेरणा के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला, उनकी धर्मपत्नी आशा सिंगला, प्रेरणा की अध्यक्षा रेणु खुंगर, समाजसेवी राजेश सिंगला, डा. मधु मल्होत्रा, हरबंस कौर, मीणा देवी, शकुंतला देवी, सीता देवी, सोमवती, शमा रानी, बलविंदर कौर, चंद्रकांता, इंद्रजीत सिंह इत्यादि ने स्वागत किया। नरेंद्र जोशी ने सर्वप्रथम प्रेरणा वृद्धाश्रम में बने मंदिर में पूजा अर्चना की और उसके उपरांत शहीदी स्मारक पर देश के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जोशी ने कहा कि उन्होंने अमेरिका सहित अन्य देशों में भी अनेकों वृद्धाश्रम देखे हैं। भारत में भी वृद्धाश्रम देखे हैं। वैसे भारतीय संस्कृति के अनुसार वृद्धाश्रमों का होना बहुत दुखद है लेकिन उन्होंने बुजुर्गों के लिए प्रेरणा वृद्धाश्रम में जो वातावरण एवं बुजुर्गों की सेवा देखी है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है। जोशी ने कहा कि प्रेरणा के संचालक डा. जय भगवान सिंगला उनके बचपन के दोस्त हैं। उन्होंने यहां आकर देखा कि जिस तरह वह और उनके साथी निस्वार्थ भाव से बुजुर्गों की सेवा कर रहे हैं यही वास्तव में समाज की सच्ची सेवा है। उन्होंने भारत में कई वृद्धाश्रम भी देखे हैं जहां बुजुर्गों की सेवा के नाम पर ही व्यवसाय किया जा रहा है। इस मौके पर जोशी ने बुजुर्गों को फल वितरित किए एवं उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए आशीर्वाद लिया। बुजुर्ग भी जोशी के साथ काफी देर तक इतने प्यार से मिले कि मानों कोई अपना हो। उन्होंने जोशी के साथ अपना सुख दुःख एवं विचार सांझा किए। अप्रवासी भारतीय नरेंद्र जोशी ने कहा कि उन्होंने बहुत से वृद्धाश्रम देखे हैं जो वृद्धों के नाम पर पैसे लेते हैं और वृद्धों की कोई सेवा नहीं की जाती है बल्कि वृद्धों के नाम पर दिखावे की औपचारिकता की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रेरणा वृद्धाश्रम में आकर देखा है कि यहां वृद्धों की वास्तव में सेवा एवं देखभाल की जाती है। इस वृद्धाश्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के वृद्ध आश्रय लेकर रह रहे हैं। प्रेरणा वृद्धाश्रम में विभिन्न राज्यों की अलग अलग भाषा बोलने वाले बुजुर्ग रह रहे हैं। यहां सही मायने में भारतीयों का आपसी प्रेम देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि प्रेरणा के संचालक डा. जय भगवान सिंगला के साथ धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के लोग सही मायने में बुजुर्गों की सेवा कर रहे हैं। डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि उनके लिए आज काफी खुशी का दिन है कि उनके एक पुराने साथी जो वर्षों पहले कुरुक्षेत्र धरती से जाकर अमेरिका में सैटल होने के बाद वहां सफल व्यवसायी बने हैं। आज कुरुक्षेत्र के प्रेरणा वृद्धाश्रम में बुजुर्गों से मिलने एवं आशीर्वाद लेने के लिए आए हैं। सिंगला ने कहा कि जोशी को यहां देखा कि वे वास्तव मंश दिल की भावना से प्रेरणा के बुजुर्गों के बीच पहुंचें हैं। आज जोशी की बुजुर्गों के साथ आत्मीयता देखकर काफी खुशी मिल रही है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। प्रेरणा में पहले भी विदेशों से कई लोग आए हैं लेकिन नरेंद्र जोशी के आने के बाद अलग ही प्रसन्नता का माहौल है। सिंगला ने कहा कि जोशी के साथ पुरानी बचपन की यादें ताजा हो गई हैं। बचपन की शरारतें भी याद आ रही हैं। कुरुक्षेत्र के विख्यात व्यवसायी एवं समाजसेवी राजेश सिंगला ने कहा कि अमेरिका में स्थापित हो चुके नरेंद्र जोशी मूल रूप से कुरुक्षेत्र के ही निवासी हैं। उनका प्रेरणा वृद्धाश्रम में आने पर सभी सदस्यों की ओर से स्वागत है। नरेंद्र जोशी ने भी प्रेरणा वृद्धाश्रम के साथ अपनी आत्मीयता व्यक्त की है। प्रेरणा संस्था की अध्यक्षा रेणु खुंगर ने कहा कि संस्था के सभी सदस्यों के लिए आलौकिक क्षण है कि अमेरिका से नरेंद्र जोशी विशेष तौर पर वृद्धाश्रम में बुजुर्गों से मिलने पहुंचे हैं। बुजुर्गों से जोशी बहुत ही अपनेपन से मिले हैं। उन्हें भी बुजुर्गों के बीच आकर बहुत अच्छा लगा है। संस्था की ओर से नरेंद्र जोशी का विशेष तौर पर आभार है। वृद्धाश्रम में रह रहे गाजियाबाद के डा. विजय दत्त शर्मा ने कहा कि आज समाज में पारिवारिक स्थितियां बदल रही हैं। परिवारों में बुजुर्गों की उपेक्षा हो रही है। ऐसी उपेक्षा में बुजुर्गों के लिए भी जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम ही आशा की किरण दिखाई देने लगे हैं। बुजुर्गों की हालत परिवार की उपेक्षा से दीन हीन बन जाती है। वृद्धाश्रम में रह रहे 76 वर्षीय गोरखपुर के बी. श्रीवास्तव ने कहा कि प्रेरणा वृद्धाश्रम में आश्रय लेने के बाद अब उन्हें अपने परिवार की याद भी नहीं आती है। उन्होंने कहा कि इस वृद्धाश्रम में आने के बाद उन्हें काफी स्वास्थ्य लाभ मिला है। यही स्वास्थ्य लाभ इस समय उनके लिए सबसे बड़ा धन है। प्रेरणा वृद्धाश्रम में परिवार की भांति पूरा प्यार मिल रहा है।  
प्रेरणा वृद्धाश्रम में अप्रवासी भारतीय नरेंद्र जोशी एवं अन्य मंदिर में पूजा तथा शहीदी स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए। प्रेरणा वृद्धाश्रम में अप्रवासी भारतीय नरेंद्र जोशी का स्वागत करते हुए प्रेरणा के सदस्य। प्रेरणा वृद्धाश्रम में बुजुर्गों एवं प्रेरणा के सदस्यों के साथ अप्रवासी भारतीय नरेंद्र जोशी।

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