स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं के लचर व्यवस्था पर उठाए सवाल सपा एमएलसी गुड्डू जमाली

आजमगढ़। समाजवादी पार्टी व विधान परिषद् सदस्य, पूर्व विधायक मुबारकपुर शाह आलम गुड्डू जमाली ने मानसून सत्र के दौरान बुधवार को सदन में स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया और आबादी के अनुपात में प्रदेश में कम से कम 10-15 पीजीआई, केजीएमसी, लोहिया जैसे विश्वस्तरीय हास्पिटल खोले जाने की मांग रखी। मुबारकपुर और आजमगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को और हाईटेक करने की बात कही। इस दौरान जमाली ने स्वास्थ्य के बजट में केवल 68 प्रतिशत खर्च होना और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होने के बावजूद बजट का पैसा शेष रह जाने पर सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल खड़ा किया।
सदन में एमएलसी शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि स्वास्थ्य इंसान की जिन्दगी से जुड़ा हुआ एक मूलभूत सुविधा की बेसिक जरूरत है, हम सब जानते है और अभी हमारे भाई ने 105 की सूचना में अभी बताया कि नीति आयोग जिस पर हम सभी विश्वास करते है हमारा प्रदेश सबसे पीछे है, इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है। पिछले बार भी यह विषय 105 में लिया गया था उस पर चर्चा भी हुई आपकी कृपा से
पिछली बार 43,500 करोड़ रूपए सरकार ने इस पर बजट आवंटित किया था ठीक था, लेकिन दुर्भाग्य है 68 प्रतिशत ही खर्च होता है। इस सदन से बहुत विनम्रता से कहना है कि जब स्वास्थ्य जैसी बेसिक नीड जो इंसान की जिन्दगी से जुड़ी हुई है, अगर हम उस पर इतना लचर रूवैया होगा तो हम कैसे यह सुनिश्चित कर सकते है कि हमारे प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं और सारी सुविधाए टाइम से मिल सकती है। हमारे पीजीआई हो, केजीएमसी हो, लोहिया हो यह देश नहीं बल्कि इनकी प्रतिष्ठा पूरी दुनिया में मानी जाती है। बहुत बार कुछ कारणों से कारोबारी सिलसिले में देश और दुनिया में जाने का मौका मिलता है, मेरा घमंड से सर ऊचां होता है कि लोग पीजीआई लोहिया, केजीएमसी जैसी संस्थाओं का नाम आदर और सम्मान से लेते है। हमारे डाक्टर बहुत विद्वान है लेकिन दुर्भाग्य से हमारे पास वहां पर जितना संसाधन होना चाहिए लेकिन वह नहीं हो पाता है, आबादी के अनुपात में कहने को आप कह सकते है कि हमारे पास यह हास्पिटल है डब्लूएचओ का मानक है कि आबादी के हिसाब से कितने डाक्टर्स होना चाहिए, कितना बेड होना चाहिए, तब हम उसे कम्प्लीट कर पाएंगें। देखिए यह मौका बहुत है मेरी जानकारी में आया है कि विजन पर चर्चा होनी है, देर रात्रि तक सदन चलेगी।
हम लोग इन मुद्दों को भी अपने विजन में प्राथमिकता पर शामिल करें शिक्षा हुआ स्वास्थ्य हुआ, इससे हमारा दिन प्रतिदिन प्रदेश स्वस्थ्य होगा। इसको हम लोग प्राथमिकता के तौर पर टेकअप करें। जो हेल्थ से रिलेटेड बजट है हम तो यह कहेंगे माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से कहेंगे कि इसको आप पूरा खर्चा करिये और बजट की और मांग करिए। छोटा मोटा पूरा देश है उत्तर प्रदेश, दुनिया के बडे देशों के बराबर है उत्तर प्रदेश, अमेरिका से थोड़े ही कम है हम अब अगर हम इसको समझ रहे है तो इसी अनुपात में हमको व्यवस्था भी करनी पड़ेगी।
अतरौलिया की घटना का हवाला देते हुए जमाली ने कहाकि जो पैसे जनता के गाढ़ी कमाई के पैसे आते भी है, सरकार की मंशा अच्छी है, कि हम लोग इसका उपयोग करें और हास्पिटल को हम लोग बढ़ोत्तरी करें जनता के लिए बढावें, उसको भी कुछ लोग बंदरबांट कर जाते है यह एक नमूना है डा सुरेंद्र कुमार के बारे में बात हो रही है। आप लोग खुद सोचिए, जिस हास्पिटल के वहां के चीफ के ऊपर यह आरोप लगा हो जो वहां के सर्वे-सर्वा हो और सालों से वहीं बैठे भी है, और जिलाधिकारी, की जांच की कमेटी में मुझे जो संज्ञान में आया है कि उनके बारे में यह दोषी भी पाये गये है रिक्रमेंडेसन भी हुई है, साल भर से वह लंबित भी है। इस तरह से एक साल से उस फाइल पर हम लापरवाही मारकर बैठ जाए फिर तो उन लोगों का मनोबल बढ़ा रहे है, हम उनको यह लाइसेंस दे रहे है करप्शन कीजिए, सभापति महोदय मैं आप से उस बारे में आप से निवेदन करूंगा कि जो भी व्यक्ति है उस पर सरकार गंभीरता से एक्शन लें।
इसी क्रम में मान्यवर पिछली बार चूंकि आजमगढ़ जिले का हूं जिला अस्पताल सदर के भी बदहाली का भी मुद्दा गंभीरता से उठाया हूं। दोबारा दोहराया रहा हूं। एमआरआई की मशीन नहीं है, सीटी स्कैन की मशीन महीनो-महीनों खराब पड़ी रहती है, एक रेडियोलॉजिस्ट है जहां आबादी के अनुपात में तीन-चार की जरूरत है। डायलसिस की यह हालत है कि पांच-पांच महिने नंबर लगाओ जब तक पांच-छह महीने में नंबर आता है तब तक मरीज की मौत हो जाती है।
वहीं मुबारकपुर के मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहाकि डेढ़ लाख आबादी वाला मुबारकपुर आजमगढ़ का सबसे बड़ा नगर है। यहां पर जो सेंटर बने हुए है उनकी रात्रि में यह हालत है कि इमरजेंसी आ जाती है तो ईश्वर ही मालिक हैं चूंकि मैं वहां से दो बार विधायक रहा हूं। मैं यह मानता हूं कि हफ्ते में सिर्फ दो चार मौत इसलिए हो जाती है कि हार्ट अटैक आया प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाया और जिला अस्पताल जाते जाते उसकी मौत हो गई। इसलिए सभापति महोदय, आपके माध्यम से सरकार से यह मैं निवेदन करूंगा कि मुबारकपुर के सेंटर पर कोई नैफरोलाजिस्ट, न्यूरोलाजिस्ट, आर्थोपीडिसियन नहीं है। वहां पर सीटी स्कैन, एमआरई, अल्ट्रासाउंड की कोई सुविधा नहीं है, इसीलिए माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आप से बड़ी विनम्रता के साथ ये निवेदन करता हूं कि आबादी के अनुपात को देखते हुए मुबारकपुर के हास्पिटल को सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाए और वहां पर ब्लड बैंक बनाया जाए। इसी क्रम में आजमगढ़ के सदर अस्पताल के बारे मे यह कहना चाहता हूं कि स्वास्थ्य मंत्री उसको भी प्राथमिकता पर लें और आजमगढ, मुबारकपुर सहित पूरे प्रदेश के लिए यह बात कहता हूं कि स्वास्थ्य हम सभी के जिन्दगी का एक अहम हिस्सा है। मैं बार बार यह कह रहा हूं कि पैसा ठीक है तो कहीं कमी हो तो हम लोग कहीं और काम कर सकते है। हमारे चिकित्सक की इतनी क्षमता है इतने विद्वान है कि हम लोग सिर्फ और सिर्फ उन्हें संसाधन उपलब्ध करा देंगे तो आबादी के अनुपात में लोहिया, पीजीआई केजीएमसी जैसे 10-15 हास्पिटल की प्रदेश को अभी और जरूरत हैं, उस अनुपात में डब्लूएचओ को रख कर देखें। इसलिए मान्यवर, बहुत विनम्रता से कह रहा हूं कि बेहद प्राथमिकता पर देख लीजिए यह इंसान के जिन्दगी से जुड़ा हुआ बहुत अहम पहलू है। धन्यवाद