हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र,9 मई : चक्रवर्ती मोहल्ला थानेसर की मुल्तान सभा धर्मशाला में वैशाख माह के उपलक्ष्य में करवाई जा रही श्रीमद् भागवत कथा में सुदामा चरित्र प्रसंग विस्तार से सुनाया गया।मुख्य यजमानों संरक्षक लाला जैसाराम धवन,प्रधान प्रदीप झांब,वरिष्ठ उप प्रधान कृष्ण लाल पुंडरी वाले और सचिव धर्मेंद्र सचदेवा सहित सभी सदस्यों ने सर्वदेव एवं भागवत पूजन करके दीप प्रज्ज्वलित किया। प्रसंग में कथावाचक श्याम दीप दर्शन (श्रीधाम,वृंदावन) ने कहा कि मित्रता में कोई ऊंच-नीच व भेदभाव नहीं होता।मुसीबत में साथ निभाने वाला ही सच्चा मित्र होता है। श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा के जीवन की परिस्थतियों को भांपते हुए बिना कुछ पूछे वह सभी सुख प्रदान किए,जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।इसी तरह सुदामा ने भी मित्रता धर्म निभाते हुए अपने सखा श्रीकृष्ण को अपनी दयनीय स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया। इस मौके गायकों द्वारा सुन्दर झांकी में भजन मेरे यार सुदामा रे,बड़े दिनों में आए…सुनाया गया।भागवत आरती में आचार्य प्रीतम पाराशर,बलराम बृजवासी,श्याम आहुजा,बनवारी लाल वधवा, कृष्ण लाल सदाना, सुनील राजपाल,फतेह चंद गान्धी,लाभ सिंह सहगल,शमशेर कश्यप, और तोला राम सदाना सहित बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
भागवत पूजन में हिस्सा लेते यजमान।