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स्वामी विवेकानंद केवल संत ही नहीं,बल्कि भारत की आत्मा के सच्चे प्रतीक थे : कुलपति

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

आयुष विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित।

कुरुक्षेत्र, 4 जुलाई :
श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद केवल संत ही नहीं,बल्कि भारत की आत्मा के सच्चे प्रतीक थे। उन्होंने शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं,बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र सेवा बताया। श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय भी उसी मूल भावना को लेकर विद्यार्थियों को संस्कारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वे शुक्रवार को महान विचारक, युवा प्रेरणा और भारत के सांस्कृतिक जागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
कुलपति प्रो.धीमान ने कहा कि आज की पीढ़ी को स्वामी जी के कर्म, कर्तव्य, आत्मसंयम और मोक्ष की अवधारणाओं को आत्मसात करना चाहिए। विवेकानंद जी का जीवन हमें बताता है कि भारत की जीवन पद्धति और आध्यात्मिक परंपरा ही विश्व को दिशा दे सकती है। कुलपति ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे जीवन में आदर्शों और मूल्यों का पालन करें और स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाए गए उठो, जागो और लक्ष्य तक न रुको’ के मंत्र को अपनाकर आगे बढ़ें।
कुलपति प्रो.धीमान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत की जीवन-पद्धति और भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि चरित्रवान शिक्षा ही सच्ची शिक्षा है। आज हमारा उद्देश्य केवल डिग्री नहीं, चरित्र निर्माण होना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ. मोहित शर्मा समेत अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।

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