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संकल्प से जीवन का श्रेष्ठ लक्ष्य प्राप्त होता है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

मुरथल : समर्थगुरू धाम मुरथल हरियाणा के संस्थापक आदरणीय समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया की कृपा सभी तक गुरु संदेश पहुंचाने के उद्देश्य से, 10जनवरी से 30 जनवरी 2025 के समयावधि में समर्थगुरु मैत्री संघ हिमाचल प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर आचार्य कुंजबिहारी ने परमहंस इंटर कालेज मझौली, बलिया (उत्तर प्रदेश) , यू एम एस बांगड़, पूर्वी चंपारण (बिहार) माध्यमिक विद्यालय मयूरकोला हाईस्कूल बारहवां, साहिबगंज (झारखंड) एवं 12 विद्यालयों में सभी बच्चों को संकल्प शक्ति का अद्भुत विज्ञान
बताया । संकल्प विज्ञान में अतीत से मुक्ति जरूरी है। वर्तमान में अपने मित्रों और परिवार के साथ अपने लिए हुए संकल्प की घोषणा करें। अपने मित्रों का सहयोग ले और कर्मयोगी बने। अपने संकल्प के प्रति निष्ठावान रहे। संकल्प पूरा होने पर उसका श्रेय अपने सद्गुरु ,आचार्यों अध्यापकों, मित्रों,माता पिता, परिवार और भगवान को दें। टीम वर्क किसी भी कार्य और संकल्प के लिए आवश्यक है।
विद्यार्थी अपने जीवन में संकल्प शक्ति का प्रयोग करके सफलता प्राप्त कर सकते है। विभिन्न विद्यालयों में संजीवनी ध्यान , सुप्रभात ध्यान तथा ब्रह्मनाद ध्यान का सुन्दर अनुभव प्रयोग करवाया गया ।
सभी बच्चों और सभी अध्यापक और कर्मचारियों ने ध्यान में गहरी डुबकी लगाई।
सभी मित्रों का फीड बैक उत्साह वर्धक रहा एवं आगे भी इसी तरह के प्रोग्राम करने का निवेदन किया।
ध्यान और सत्संग कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी विद्यालयों के प्रिंसिपल एवं स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।
आदरणीय समर्थगुरू सिद्धार्थ औलिया जी अपने प्रवचन में बताते है कि सनातन धर्म की पुन: स्थापना के लिए 5 जरूरी बातें:
शक्तिशाली एवं समृद्ध हिन्दू राष्ट्र की स्थापना
जातिमुक्त समाज की स्थापना
सामुदायिक एकता
सांस्कृतिक एकता
आध्यात्मिक केन्द्रों का विकास

सनातन धर्म की 5 पहचान है-
ॐ, अद्वैत, अहिंसा, आरती और अस्त्र।
ॐ को जानें और उसका जाप करें।
ब्रह्म को सर्वव्यापी जानें।
मनसा, वाचा, कर्मणा किसी को चोट न पहुँचाएँ।
प्रतिदिन आरती करें।
आत्मरक्षा के लिए अस्त्र रखें।
हिंदू नवजागरण के 5 स्वर्णिम सूत्रः
चेतन आकाश ब्रह्म है। यह सर्वव्यापी है। ॐ इसका बोधक तत्व है।
जो ॐ को मानता है , वह हिन्दू है। इस दृष्टि से हिन्दू तो हिन्दू हैं ही, जैन, बौद्ध और सिक्ख भी हिन्दू हैं।
ॐ को जानना ही हिन्दुत्व है।इसे जानना हर हिंदू का कर्तव्य है। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रातः उठकर 5 बार ॐ का उच्चारण करें। यह परमात्मा को आकर्षित करता है।
आरती हिन्दू धर्म की संस्कृति है। प्रति दिन सायं भोजन के पूर्व सपरिवार आरती (ॐ जय जगदीश हरे) करें।इससे स्वास्थ्य और पारिवारिक शान्ति मिलती है।

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