हरियाणा: ठेठ हरियाणवी खाणे के ठाठ देखने को मिलेंगे कुरुक्षेत्र रत्नावली के मेले में

ठेठ हरियाणवी खाणे के ठाठ देखने को मिलेंगे कुरुक्षेत्र रत्नावली के मेले में।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

गुड़ का हलवा, बाकली, खीर-जलेबी, बाजरे की खिचड़ी, घी-कसार, गन्ने के रस की खीर बनेंगे आकर्षण।
28 को राज्यपाल करेंगे रत्नावली का आगाज।

कुरुक्षेत्र, 25 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा रत्नावली राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समारोह का आयोजन 28 अक्टूबर 2022 को किया जा रहा है। रत्नावली का उद्घाटन हरियाणा के महामहिम राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय करेंगे। इस अवसर पर फिल्मी दुनिया की महान हस्ती सतीश कौशिक विशेष अतिथि के रूप में विद्यमान रहेंगे। लोक संपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर दीपक राय बब्बर ने बताया की कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में रत्नावली में हरियाणवी खाणे को लोक कलाकारों एवं छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चार दिन तक चलने वाले रत्नावली उत्सव में हरियाणवी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष विशेष व्यवस्था की गई है। हरियाणा के लोक पारंपरिक व्यंजनों को रत्नावली में स्थान दिया गया है। हरियाणा के व्यंजन हरियाणवी उत्सवों का हिस्सा बनें इसी दृष्टि से युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से हरियाणवी जायका के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
इस विषय में विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से हरियाणवी खान-पान के लिए कसूता चूरमा, चोको चूरमा, गुड़ का हलवा, शाही टुकड़ा, पाणी पताशे, मिठी लास्सी, तडक़ा लास्सी, गुड़ की चाय, देशी खुराक, देशी दही-भल्ले के साथ-साथ देसी थाली की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें सब्जी, रोटी, चटणी, रायता का जायका होगा। इसके साथ ही विभाग की ओर से कोंबो थाली की व्यवस्था भी की गई है जिसके माध्यम से हरियाणवी खाना लोक कलाकारों एवं छात्रों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि धरोहर हरियाणा संग्रहालय की ओर से भी खान-पान के लिए व्यवस्था की गई है जिसमें बाकली, खीर-जलेबी सभी के खाने के लिए उपलब्ध रहेगा। इसके साथ ही युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से भी हरियाणवी खाना सभी को उपलब्ध करवाया जाएगा जिसमें मालपूड़े, गुलगुले, घी-कसार, गन्ने के रस की खीर, बाजरे की खिचड़ी, बाजरे की रोटी, हर्या साग, गुड़-शक्कर, गुड़ का हलवा छात्रों एवं कलाकारों को खाने के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से रत्नावली में हरियाणा की लोक पारंपरिक संस्कृति एवं खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
कुवि युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने बताया की इस बार गांव का लुक आकर्षण का केंद्र बनेगा। रत्नावली में इस वर्ष ऑडिटोरियम के बाहर लोककला प्रदर्शनी के माध्यम से ग्रामीण परिवेश का प्रारूप तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से हरियाणा का लोक पारंपरिक स्वरूप देखने को मिलेगा। चित्रकला प्रदर्शनी एवं व्यंजनों के लिए झोंपड़ीनुमा ग्रामीण लुक तैयार किया गया है। पर्यटकों को हरियाणा का देसी खान-पान लोक पारंपरिक तरीके से लोक पारंपरिक स्वरूप में परोसा जाएगा। इसके लिए झोंपडिय़ां तैयार की जा रही हैं। रत्नावली के मेले में पहली बार ग्रामीण लुक के माध्यम से हरियाणा की लोककला एवं खान-पान को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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