जिलाधिकारी ने नगर निगम एवं प्रदूषण विभाग के अफसरों को दिए स्पष्ट निर्देश पर्यावरण हेतु करें सहयोग कूड़ा निस्तारण में करे के नियमों का प्रयोग मनरेगा के अन्तर्गत रामगंगा की दो किलोमीटर की परिधि में किया जाए पौधारोपण
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी की अध्यक्षता में आज जिला पर्यावरण समिति व जिला गंगा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।
जिसमें जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने समस्त अधिशासी अधिकारी नगर निकाय , क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग एवं नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे कूड़े का निस्तारण में तय नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन करें। जिलाधिकारी ने कहा कि ” डोर-टू-डोर कूड़े का कलेक्शन किया जाये तथा एम.आर.एफ. सेंटरों पर कूडे़ का सेग्रीगेशन प्रत्येक दशा में किया जाये एवं सेग्रीगेशन के पश्चात कूडे़ के डिकम्पोस्ट भी किया जाये। उन्होंने कहा कि डिकम्पोसर का क्रय कृषि विभाग से कर लिया जाये और कूडे़ के गढ्डे में कुछ बूंदे डाल दी जाये, जिससे कि कूड़ा डिकम्पोस हो जाये। उन्होंने कहा कि सेग्रीगेशन के पश्चात प्राप्त होने वाले प्लास्टिक व पॉलीथिन को बिक्री कर दिया जाये अथवा बिथरी चैनपुर विकास खण्ड के अन्तर्गत स्थापित रिसाइकलिंग प्लांट को दे दिया जाये।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के जब्तीकरण हेतु विशेष अभियान चलाकर दोषियों के विरूद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही अमल में लायी जाये। उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारी उ0प्र0 प्रदूषण बोर्ड को निर्देशित किया कि ” वे जनपद के हेल्थकेयर फैसिलिटी सेंटरों का समय-समय पर औचक निरीक्षण करें तथा जैव चिकित्सा अपशिष्ट का एकत्रीकरण व निस्तारण करने वाली एजेंसी के चिन्हित स्थलों का भी औचक निरीक्षण किया जाए, कि निस्तारण सही प्रकार किया जा रहा है अथवा नहीं।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया । जिला गंगा प्लान शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि रामगंगा नदी के किनारे दो किमी. की परिधि के गांवों में तालाबों को खुदवाकर उनके चारों ओर मनरेगा से पौधारोपण कराया जाये। ” इसके अतिरिक्त आंवला क्षेत्र के आर्सेनिक बेल्ट के गांव का भी चिन्हांकन करते हुये जल का परीक्षण करा लिया जाये तथा गांवों के कुओं के पानी का साफ किया जायें। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया कि रामगंगा नदी के किनारे स्थित ग्रामों में ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित किया जाये।